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नए साल के अवसर पर केंद्र सरकार ने दिया बड़ा तोहफा, PPF, SCSS समेत छोटी बचत योजनाओं की नई ब्याज दरें जारी

नए साल की शुरुआत से ठीक पहले सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025-26 की चौथी तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों को लेकर स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी योजना की दर में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.

Anuj
Edited By: Anuj
नए साल के अवसर पर केंद्र सरकार ने दिया बड़ा तोहफा, PPF, SCSS समेत छोटी बचत योजनाओं की नई ब्याज दरें जारी

नई दिल्ली: नए साल की शुरुआत से ठीक पहले सरकार ने करोड़ों मध्यमवर्गीय निवेशकों और आम लोगों को राहत देने वाला कदम उठाया है. वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025-26 की चौथी तिमाही यानी जनवरी से मार्च 2026 के लिए छोटी बचत योजनाओं (Small Savings Schemes) की ब्याज दरों को लेकर स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी योजना की दर में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.

योजना की दर में कोई बदलाव नहीं हुआ

31 दिसंबर 2025 को जारी ऑफिसियल नोटिफिकेशन के अनुसार, पीपीएफ (PPF), एनएससी (NSC) और अन्य लोकप्रिय योजनाओं की ब्याज दरें वही रहेंगी, जो तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2025) में थी. इसका मतलब है कि निवेशकों को 1 जनवरी 2026 से 31 मार्च 2026 तक भी वही रिटर्न मिलेगा जो अब तक मिल रहा था.

कौन सी योजनाओं पर कितना ब्याज मिलेगा?

सरकार के इस निर्णय के बाद, कई योजनाओं पर निवेशकों को पूर्ववत लाभ मिलेगा. सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) और सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) पर सबसे अधिक 8.2% का ब्याज मिलेगा. यह वरिष्ठ नागरिकों और बेटियों के भविष्य के लिए पैसा निवेश करने वाले अभिभावकों के लिए खास राहत की खबर है. वहीं, आम लोगों के लिए लोकप्रिय पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) पर ब्याज दर 7.1% पर स्थिर रहेगी.

नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) में निवेश करने वालों को भी 7.7% का फिक्स्ड रिटर्न मिलेगा. पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS) में जमा राशि पर 7.4% ब्याज रहेगा. इसके अलावा किसान विकास पत्र (KVP) में निवेश करने पर 7.5% की दर जारी रहेगी. यह लगातार दूसरी तिमाही है, जब इन योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

बाजार में कटौती की चर्चा क्यों थी?

अक्टूबर-दिसंबर 2025 तक बाजार में यह चर्चा थी कि मुद्रास्फीति और आर्थिक हालात के चलते सरकार ब्याज दरों में कटौती कर सकती है. दरअसल, वित्त मंत्रालय हर तिमाही इन दरों की समीक्षा करता है और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के साथ परामर्श करता है. सरकारी बांड्स की यील्ड और अन्य आर्थिक संकेतकों में उतार-चढ़ाव के कारण निवेशकों में चिंता थी कि पीपीएफ या एनएससी जैसी योजनाओं के रिटर्न कम हो सकते हैं.

निवेशकों के लिए फायदे

हालांकि, दरों का स्थिर रहना निवेशकों के लिए अच्छी खबर है. इससे उनकी जमा राशि पर मिलने वाला रिटर्न सुरक्षित रहेगा और भविष्य की योजनाओं की योजना बनाना आसान हो जाएगा. विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम निवेशकों के भरोसे को बनाए रखने में मदद करेगा और लोगों को बचत के महत्व को समझने की प्रेरणा देगा.