Air India may suffers losses of 600 million dollar due to Pakistan airspace ban: पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध के कारण एयर इंडिया को लंबे उड़ान मार्ग अपनाने पड़ रहे हैं. इससे ईंधन की खपत बढ़ रही है और उड़ानों का समय भी बढ़ गया है. खासकर यूरोप, अमेरिका और कनाडा जैसे लंबी दूरी के मार्गों पर यह समस्या अधिक गंभीर है. कंपनी ने बताया कि इन बदलावों से उसका परिचालन खर्च काफी बढ़ गया है.
टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया पहले से ही आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही है. कंपनी अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारने और बेड़े के विस्तार की योजना पर काम कर रही है. हालांकि, बोइंग और एयरबस से विमानों की डिलीवरी में देरी ने उसकी योजनाओं को प्रभावित किया है. वित्तीय वर्ष 2023-2024 में कंपनी को 520 मिलियन डॉलर का शुद्ध घाटा हुआ, जबकि उसकी बिक्री 4.6 अरब डॉलर थी.
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, एयर इंडिया ने 27 अप्रैल को नागरिक उड्डयन मंत्रालय को एक पत्र लिखकर आर्थिक सहायता की मांग की. कंपनी ने अनुमान लगाया कि इस प्रतिबंध के कारण हर साल उसे लगभग 50 अरब रुपये (591 मिलियन डॉलर) का नुकसान हो सकता है. एयर इंडिया ने सरकार से एक ऐसी सब्सिडी नीति बनाने का आग्रह किया, जो इस नुकसान की भरपाई कर सके. यह मांग तब सामने आई, जब सरकार ने भारतीय विमान कंपनियों से इस प्रतिबंध के प्रभाव का आकलन करने को कहा था.
भारत के विमानन बाजार में एयर इंडिया की हिस्सेदारी 26.5% है. कंपनी यूरोप, अमेरिका और कनाडा जैसे अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ानें संचालित करती है, जिनमें से कई पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से होकर गुजरती थीं. दूसरी ओर, उसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनी इंडिगो भी इन मार्गों पर उड़ानें भरती है, लेकिन एयर इंडिया का लंबी दूरी की उड़ानों पर अधिक जोर है. सिरियम असेंड के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में दिल्ली से यूरोप, मध्य पूर्व और उत्तरी अमेरिका के लिए एयर इंडिया, उसकी सहायक कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस और इंडिगो ने मिलकर लगभग 1,200 उड़ानें संचालित कीं.