New Toll Tax Rule: भारत में हाईवे यात्रा करने वालों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय एक नई टोल टैक्स नीति पर काम कर रहा है, जो देशभर के वाहन चालकों के लिए ट्रैफिक, खर्च और समय—तीनों में बचत ला सकती है. इस नई नीति के लागू होने के बाद वाहन मालिकों को अब तय किलोमीटर के अनुसार ही टोल टैक्स देना होगा. यानी जितनी दूरी गाड़ी चलेगी, उतना ही टोल वसूला जाएगा.
मौजूदा प्रणाली में जहां पूरे टोल खंड की लंबाई के अनुसार एक तय शुल्क देना पड़ता है, वहीं आने वाले समय में यह नियम पूरी तरह से बदल सकता है. यह नीति विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद होगी जो लंबी दूरी की बजाय कम दूरी की यात्रा करते हैं. ANPR (Automatic Number Plate Recognition) जैसी तकनीक की मदद से अब टोल की गणना सटीकता से की जाएगी. आइए जानते हैं इस नई पॉलिसी की खास बातें.
1. क्या है नई टोल पॉलिसी?
नई पॉलिसी के तहत टोल बूथ पर कैमरे नंबर प्लेट को स्कैन करेंगे और तय दूरी के अनुसार FASTag से शुल्क काटा जाएगा. टोल सीधे वाहन मालिक के बैंक खाते से कटेगा. इससे पारदर्शिता और सुविधा दोनों बढ़ेगी.
2. टोल के लिए नहीं देना होगा मिनिमम चार्ज
अब तक यूजर्स को कम से कम 60 किमी की लंबाई के लिए भी पूरा टोल देना होता था, लेकिन नए सिस्टम में जितना चला, उतना ही भुगतान करना होगा.
3. बैरियर-फ्री सफर की तैयारी
सरकार इस पॉलिसी को बैरियर-फ्री बनाने की दिशा में काम कर रही है. यानी टोल प्लाजा पर लंबी लाइन से छुटकारा मिलेगा, जिससे यात्रा और भी तेज़ और सुविधाजनक होगी.
4. वार्षिक पास की योजना भी चर्चा में
सरकार फास्टैग के लिए एक वार्षिक पास पर भी विचार कर रही है. इससे सालभर एकमुश्त भुगतान कर किसी भी हाईवे पर आसानी से यात्रा की जा सकेगी.