60 लाख की ये कार खरीदकर आप 5 साल में बचा सकते हैं 20 लाख, टेस्ला इंडिया के जनरल मैनेजर का दावा
कंपनी का कहना है कि उसके मॉडल Y की शुरुआती कीमत भले ही ज्यादा लगे, लेकिन 4 से 5 साल के भीतर यह कार ग्राहकों को लगभग 20 लाख रुपये तक की बचत करवा देती है. यानी शुरुआत में महंगी, लेकिन लंबे समय बाद जेब को बड़ी राहत देती है.
नई दिल्ली: भारत में टेस्ला कारों की कीमत इतनी ज्यादा है कि ज्यादातर लोग इसे खरीदने का सोचते ही पीछे हट जाते हैं. कंपनी का कहना है कि उसके मॉडल Y की शुरुआती कीमत भले ही ज्यादा लगे, लेकिन 4 से 5 साल के भीतर यह कार ग्राहकों को लगभग 20 लाख रुपये तक की बचत करवा देती है. यानी शुरुआत में महंगी, लेकिन लंबे समय बाद जेब को बड़ी राहत देती है.
जनरल मैनेजर शरद अग्रवाल क्या बोले
टेस्ला इंडिया के जनरल मैनेजर शरद अग्रवाल ने कहा कि पेट्रोल गाड़ियों की तुलना में होम चार्जिंग 10 गुना सस्ती पड़ती है. साथ ही इलेक्ट्रिक गाड़ियों में मेंटेनेंस बहुत कम होता है. न ऑयल बदलवाना पड़ता है और न ही ज्यादा सर्विसिंग करानी होती है. यही कारण है कि मॉडल Y की ऊंची कीमत समय के साथ रिकवर हो जाती है.
कार के महंगे होने के कारण
भारत में इस कार के महंगे होने का एक बड़ा कारण 100% इंपोर्ट ड्यूटी है, जो दुनियाभर में सबसे ज्यादा मानी जाती है. इसी टैक्स की वजह से मॉडल Y की कीमत यहां 60 लाख रुपये के पार चली जाती है, जो अमेरिका में मिलने वाली कीमत से लगभग 70% ज्यादा है. भारत में जहां EVs की औसत कीमत 22 लाख रुपये के आसपास है, वहीं मॉडल Y पूरी तरह से प्रीमियम सेगमेंट में आ जाती है. फिर भी, टेस्ला का कहना है कि यह कार पेट्रोल खर्च में बचत, कम सर्विस लागत और बेहतर रीसेल वैल्यू तीनों मोर्चों पर फायदे देती है.
भारत में टेस्ला की बिक्री धीमी क्यों है?
जुलाई में बुकिंग शुरू होने के बाद कंपनी केवल 140 यूनिट ही बेच पाई है. इसके कई कारण सामने आए हैं-
1. इंपोर्ट ड्यूटी
भारत में EVs पर 100% तक टैक्स लगता है. टेस्ला को उम्मीद थी कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में कुछ राहत मिलेगी, लेकिन फिलहाल इसकी संभावना बेहद कम दिख रही है.
2. यूरोप से सस्ता इंपोर्ट भी रुका
भारत-यूरोप FTA की बातचीत ठप है, जिससे कंपनी जर्मनी प्लांट से कम टैक्स में कार आयात नहीं कर पा रही.
3. BYD की पहले से मजबूत पकड़
साल 2025 की पहली छमाही में ही BYD ने 1200+ सीलियन 7 SUVs बेचकर अपना दबदबा दिखाया है. जिससे बाजार में उसकी पकड़ और मजबूत हो गई है.
भारत में अपनी रणनीति बदलेगी टेस्ला
अब टेस्ला ने भारत में अपनी रणनीति बदलते हुए लैंबॉर्गिनी इंडिया के पूर्व हेड शरद अग्रवाल को गुरुग्राम ऑफिस की जिम्मेदारी दी है. उनका नया लक्ष्य यह है कि भारत में टेस्ला के प्रति बनी शुरुआती चर्चा को असली बिक्री में बदला जाए. ऊंचे टैक्स और धीमी EV अपनाने की रफ्तार के बीच वे कंपनी के लिए नई और असरदार रणनीति तैयार करने में जुटे हैं.