नई दिल्ली: भारत के महानगरों में ट्रैफिक, धूल और स्मॉग अब रोजमर्रा की समस्या बन चुके हैं. लंबे समय तक गाड़ी चलाने या सफर करने वालों के लिए यह प्रदूषण सीधे सेहत पर असर डाल सकता है. ऐसे में कार के अंदर की हवा को साफ रखना पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है.
इसी बदलती जरूरत को समझते हुए कार कंपनियों ने अब बजट और मिड-सेगमेंट की गाड़ियों में भी PM 2.5 एयर फिल्टर और एयर प्यूरीफायर जैसे फीचर्स देना शुरू कर दिया है. ये सिस्टम केबिन में मौजूद बारीक धूल, धुएं और एलर्जी फैलाने वाले कणों को रोकते हैं.
PM 2.5 कण इतने बारीक होते हैं कि ये आसानी से सांस के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकते हैं. ये फेफड़ों और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ाते हैं. कार में लगा PM 2.5 फिल्टर इन कणों को केबिन में घुसने से रोकता है और अंदर की हवा को ज्यादा सुरक्षित बनाता है, खासकर भीड़भाड़ वाले शहरों में.
MG Motor भारत की उन शुरुआती कंपनियों में शामिल है, जिसने अपनी कारों में PM 2.5 एयर फिल्टर देना शुरू किया. MG Astor, ZS EV, Gloster और Comet EV में यह फीचर मिलता है. कंपनी का दावा है कि इसका फिल्ट्रेशन सिस्टम बेहद छोटे प्रदूषक कणों को भी प्रभावी तरीके से साफ करता है.
Maruti Suzuki अपनी लोकप्रिय कारों के लिए PM 2.5 फिल्टर को जेन्युइन एक्सेसरी के तौर पर उपलब्ध कराती है. Baleno, Swift, Brezza, Ciaz, XL6 और Ertiga जैसी कारों में इसे अलग से लगवाया जा सकता है. यह कम खर्च में केबिन एयर क्वालिटी सुधारने का विकल्प है.
Hyundai Verna के SX (O) वेरिएंट में इनबिल्ट एयर प्यूरीफायर दिया गया है, जो केबिन को साफ हवा देता है. वहीं Kia Sonet में स्मार्ट एयर प्यूरीफायर के साथ स्क्रीन पर एयर क्वालिटी की जानकारी भी दिखाई जाती है, जिससे ड्राइवर को तुरंत अपडेट मिलता है.
Tata Nexon के Fearless Plus PS वेरिएंट से PM 2.5 एयर फिल्ट्रेशन सिस्टम मिलता है. इसमें लगे डस्ट सेंसर केबिन की हवा की गुणवत्ता को पहचानकर उसे बेहतर बनाने में मदद करते हैं. यह कार सेफ्टी के साथ-साथ यात्रियों की सेहत को भी प्राथमिकता देती है.