Mauni Amavasya 2024: माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जानते हैं. यह योग पर आधारित महाव्रत है. मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान और भगवान श्रीहरि विष्णु का पूजन करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही ग्रह दोष भी समाप्त हो जाते हैं. मौनी अमावस्या के दिन स्नान, दान व तप के साथ ही व्रत की कथा का पाठ करने से पूर्ण फल मिलता है.
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था. मनु के नाम से ही मौनी की उत्पत्ति हुई. इसके साथ ही इस अमावस्या को माघ अमावस्या के नाम से भी जानते हैं. यज्ञ और कठोर तपस्या से जितने फलों की प्राप्ति होती है. उनके बराबर फल इस अमावस्या पर स्नान और दान करके प्राप्त किया जा सकता है.
हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या को मनाया जाता है. सला 2024 में अमावस्या तिथि की शुरुआत 9 फरवरी की सुबह 8 बजकर 2 मिनट पर होगी. इसके साथ ही इस तिथि का समापन 10 फरवरी को सुबह 4 बजकर 28 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार मौनी अमावस्या 9 फरवरी को मनाई जाएगी.
मौनी अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, विनायक अमृत योग, हंस और मालव्य योग का भी निर्माण होगा. इस सभी योगों को काफी शुभ माना गया है.
मौनी अमावस्या के दिन सुबह और शाम स्नान के पहले संकल्प लें. पहले जल को सिर से लगाकर प्रणाम करें इसके बाद स्नान आरंभ करें. स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल में काले तिल मिलाकर अर्घ्य दें. इसके बाद साफ सुथरे वस्त्र धारण करें और मंत्रों का जाप करें. मंत्र जाप के बाद दान करें. इस दिन फलाहार करके उपवास भी रखा जा सकता है. इस दिन काले तिलों का दान करने से ग्रह बाधा से मुक्ति मिलती है.
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