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इस राक्षस से बचकर गुप्त गुफा में छिप गए थे भोलेनाथ, नकली पार्वती ने बचाई थी जान

Shiv Katha: बिहार में काफी प्राचीन एक गुफा है, जिसमें आज भी एक शिवलिंग स्थापित है. मान्यता है कि यहां पर भोलेनाथ का जल से अभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार एक राक्षस से बचकर भगवान भोलेनाथ इस गुफा में छिप गए थे. आइए जानते हैं कि वह असुर कौन था. 

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Mohit Tiwari
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Courtesy: pexels

Shiv Katha: भगवान भोलेनाथ बेहद भोले हैं और थोड़ी सी पूजा मात्र से अपने भक्तों पर वे प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं. बिहार प्रांत के सासाराम जिले में एक पवित्र गुफा स्थित है, यहां 363 फीट लंबी है और इस प्राकृतिक गुफा में भगवान भोलेनाथ का करीब 3 फीट ऊंचा शिवलिंग है. इस शिवलिंग पर जल की एक धारा सदैव गिरती रहती है. इसके साथ ही यहां पर देवी-देवताओं की अन्या आकृतियां भी हैं. 

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक बार एक भस्मासुर नाम के असुर ने भगवान भोलेनाथ की घोर तपस्या की. इससे प्रसन्न होकर भगवान भोलेनाथ प्रकट हुए और उन्होंने वरदान मांगने को कहा. इस पर भस्मासुर ने भगवान भोलेनाथ से वरदान मांगा कि वो जिस भी चीज को छू ले वो भस्म हो जाए. भगवान भोलेनाथ ने उसे यह वरदान दे दिया. इसके बाद वह असुर ऋषि-मुनियों पर जमकर आतंक मचाने लगा. उसका अत्याचार धरती से लेकर देवलोक तक हो गया. सभी देव उससे डरने लगे.

गुफा में छिप गए भोलेनाथ 

एक बार उस दैत्य को नारद मुनि मिले तो उन्होंने कहा कि तुम इतने शक्तिशाली हो, तुम्हारे साथ तो पार्वती जैसी सुंदर स्त्री होनी चाहिए थी. इस पर भस्मासुर के मन में भी लालच आ गया और वह पार्वती को पाने के लिए भगवान भोलेनाथ को भस्म करने के लिए उनकी ओर गया. भगवान भोलेनाथ ने ही उसको वर दिया था, इस कारण वे उसका वध नहीं कर सकते थे तो उन्होंने अपने त्रिशूल से गुफा का निर्माण किया और उस गुप्त स्थान पर छिप गए. यही गुफा आज के समय में गुप्ताधाम नाम से मशहूर है. 

नकली पार्वती ने बचाई जान

जब भगवान भोलेनाथ गुफा में छिप गए तो भगवान श्रीहरिविष्णु ने पार्वती का रूप धारण किया और वे भस्मासुर के सामने पहुंच गए. भस्मासुर के सामने जाकर उन्होंने कहा कि मैं तुमसे विवाह करने के लिए तैयार हूं पर तुमको मेरे साथ नृत्य करना होगा. असुर यह करने के लिए राजी हो गया. नृत्य करते-करते भगवान विष्णु जो कि पार्वती रूप में थे, उन्होंने अपना एक हाथ अपने सिर पर रखा तो भस्मासुर ने भी ऐसा कर दिया, जिससे वह भस्म हो गया. आज भी जिस जगह पर भोलेनाथ रहे थे, वह जगह गुप्ताधाम नाम से मशहूर है.  

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.

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