महाभारत के युद्ध में भीम के पुत्र घटोत्कच को कौन नहीं जानता. वह भीम और राक्षसी हिडिंबा का पुत्र था. कुरुक्षेत्र के रण में घटोत्कच को कर्ण ने मार डाला था. उसका बेटा बर्बरीक भी उसी तरह बलवान था. बर्बरीक घटोत्कच और अहिलावती का पुत्र था. उसके पास केवल तीन बाणों में पूरे कुरुक्षेत्र को खत्म करने देने की क्षमता थी. वह इतना पराक्रमी था कि कृष्ण डर गए. उसने अपनी मां को वचन दिया था कि कुरुक्षेत्र में जो हारेगा, वह उसकी का साथ देगा.
बर्बरीक में अपने पिता का बल भी था और दादा का रण कौशल भी. उसने भगवान शिव को प्रसन्न करके एक वरदान लिया था कि वह महज 3 बाण से त्रिलोक जीत सकता है. महाभारत का युद्ध आरंभ हुआ तो बर्बरीक भी इस रणभूमि में कूद पड़ा.
बर्बरीक के बारे में भगवान कृष्ण जानते थे कि वह 'हारे का सहारा' था. वह युद्ध में केवल हारने वाले का साथ देने के लिए संकल्पबद्ध था. महाभारत का युद्ध धर्मयुद्ध था और इस युद्ध में पांडव विजयी हो रहे थे. बर्बरीक ने कौरवों का साथ देने की ठान ली.
बर्बरीक को रणभूमि में देखकर कांप गए थे कृष्ण
जैसे ही भगवान कृष्ण को पता चला कि बर्बरीक रणभूमि की ओर आ रहा है, वे कांप गए. वे अर्जुन को लेकर उसके पास पहुंचे. भगवान कृष्ण ने भेष बदला और ब्राह्मण के वेश में उसका उपहास करने लगे. उन्होंने कहा कि अगर वह सच में धनुर्धर है तो सामने पीपल के पेड़ के सारे पत्ते एक तीर में छेद दे. बर्बरीक भगवान की माया में उलझा और तीर चला बैठा.
तीन बाण में खत्म कर सकता था महाभारत का युद्ध
एक पीपल का पत्ता कृष्ण ने अपने पांव के तले दबा लिया. बर्बरीक ने कहा कि आप पैर हटा लें, एक पत्ता आपके पांव तले है. भगवान को उसकी वीरता पर रहा-सहा संदेह भी दूर हो गया. जब उन्हें लगा कि यह महाभारत में काल बन सकता है तो भगवान ने उसका शीश ही मांग लिया.
भगवान ने मांग लिया बर्बरीक का शीश
बर्बरीक दानवीर था. वह अपना सिर काटकर देने के लिए तैयार हो गया. उसने कहा कि उसे महाभारत का पूरा युद्ध देखना है. भगवान ने तथास्तु कहा. उसने कटे सिर से ही महाभारत का रण देखा. वह राक्षस था लेकिन भगवान ने उसे ऐसा वरदान दिया कि वह राक्षस से भगवान बन गया.
राक्षस थे बर्बरीक लेकिन कलियुग में कहलाए खाटू श्याम, बने हारे का सहारा
भगवान ने बर्बरीक को आशीर्वाद दिया कि तुम्हें दुनिया अब खाटू श्याम के नाम के नाम से जानी जाएगी. तुम मेरे विग्रह के नाम से पूजे जाओगे. तुम कलियुग में हारे का सहारा बनोगे. दुनिया में जो लोग असहाय होंगे, दीन होंगे, वे तुम्हारी आराधना करेंगे और तुम उनकी मदद करोगे. अब दुनिया खाटू श्याम को भगवान कृष्ण का ही अवतार मानती है. राजस्थान में खाटू श्याम का दरबार है. दुनियाभर से हजारों लोग उनके दर्शनों के लिए पहुंचते हैं.