menu-icon
India Daily

Nirjala Ekadashi 2025: आज निर्जला एकादशी पर गलती से भी न पहने इस रंग का कपड़ा, वरना नहीं मिलेगा पूजा का फल

Nirjala Ekadashi Vrat: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, निर्जला एकादशी का व्रत रखने से वर्षभर की सभी एकादशियों का फल एक साथ मिल जाता है. यह व्रत खासकर उन लोगों के लिए बेहद लाभकारी होता है, जो पूरे साल हर एकादशी का पालन नहीं कर पाते.

auth-image
Edited By: Princy Sharma
Nirjala Ekadashi 2025
Courtesy: Pinterest

Nirjala Ekadashi 2025: आज पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ निर्जला एकादशी मनाई जा रही है. यह व्रत हिंदू पंचांग के मुताबिक,  ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है. इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. निर्जला एकादशी को सभी एकादशियों में सबसे कठिन माना गया है, क्योंकि इसमें व्रती न केवल अन्न का त्याग करता है, बल्कि जल ग्रहण करना भी वर्जित होता है. यही वजह है कि इसे 'निर्जला' एकादशी कहा जाता है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, निर्जला एकादशी का व्रत रखने से वर्षभर की सभी एकादशियों का फल एक साथ मिल जाता है. यह व्रत खासकर उन लोगों के लिए बेहद लाभकारी होता है, जो पूरे साल हर एकादशी का पालन नहीं कर पाते. इस एक व्रत से उन्हें समस्त एकादशियों के समान पुण्य प्राप्त होता है. 

पूजा के दिन भूलकर भी न पहनें ये रंग

व्रत करने के साथ-साथ इस दिन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी है. सबसे बड़ी गलती जो लोग अक्सर कर बैठते हैं, वो है काले कपड़े पहनना. हिंदू धर्म में काले रंग को नकारात्मकता और शोक का प्रतीक माना जाता है. विशेष रूप से एकादशी जैसे शुभ और सात्विक दिनों पर काले वस्त्र पहनने से पूजा की सकारात्मक ऊर्जा प्रभावित हो सकती है.

भगवान विष्णु को प्रिय हैं ये रंग

इस पावन दिन पर पीले रंग के कपड़े पहनना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है. भगवान विष्णु को पीला रंग अत्यंत प्रिय है और इस रंग के वस्त्र धारण करने से व्रती को अधिक पुण्य और शुभ फल की प्राप्ति होती है. इसके अलावा, लाल, केसरिया और सफेद जैसे हल्के और चमकीले रंग भी शुभ माने जाते हैं, जो जीवन में सकारात्मकता और शांति लाते हैं.

पूजा विधि और शुभ मुहूर्त 

आज के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद स्वच्छ और शुभ वस्त्र पहनकर घर के मंदिर की सफाई करें और दीपक जलाएं. भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र को गंगाजल से शुद्ध करें और उन्हें फूल, तुलसी दल, दीप और धूप अर्पित करें. सात्विक भोग लगाएं और आरती करें. इस दिन तुलसी सहित जल, अन्न, तिल, वस्त्र, चावल, फल और नमक का दान करना भी बेहद पुण्यकारी माना गया है.

निर्जला एकादशी के शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:03 से 04:44 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:53 से 12:49 बजे तक
रवि योग: सुबह 05:24 से 06:34 बजे तक

यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.