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आखिर किसकी वजह से हुआ था गायत्री मंत्र का जन्म, क्यों हर सुबह जपने की दी जाती है सलाह?

Gayatri Mantra origin Story: गायत्री मंत्र, जिसे वेदों का सार माना जाता है, सदियों से हिंदू धर्म में पूजा और आध्यात्मिक विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है. यह 24 शब्दों का मंत्र देवी गायत्री को समर्पित है, जिसे ऋग्वेद से लिया गया है.

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Edited By: India Daily Live
Gayatri Mantra
Courtesy: IDL

Gayatri Mantra origin Story: गायत्री मंत्र, जिसे "वेद माता" और "मंत्रों का मंत्र" भी कहा जाता है, सदियों से हिंदू धर्म में पूजा और आध्यात्मिक विकास का आधार रहा है. यह 24 शब्दों का शक्तिशाली मंत्र है, जो ऋग्वेद से लिया गया है और देवी गायत्री को समर्पित है.

कैसे हुआ था गायत्री मंत्र का जन्म

इस मंत्र की उत्पत्ति को लेकर कई मतभेद हैं. कुछ मान्यताओं के अनुसार, यह मंत्र भगवान ब्रह्मा से उत्पन्न हुआ था, जिन्हें वेदों का रचयिता माना जाता है.  ऋग्वेद (3.62.10) में भी इस मंत्र का उल्लेख मिलता है.

एक अन्य कथा के अनुसार, ऋषि विश्वामित्र को देवी गायत्री की कृपा से यह मंत्र प्राप्त हुआ था.  कहा जाता है कि ऋषि विश्वामित्र राजा त्रिशंकु को स्वर्ग भेजने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन उन्हें देवताओं द्वारा रोक दिया गया.  निराश होकर, ऋषि ने देवी गायत्री की तपस्या की, जिसके बाद उन्हें यह शक्तिशाली मंत्र प्राप्त हुआ.

आखिर क्या है गायत्री मंत्र का अर्थ

गायत्री मंत्र का अर्थ "देवी गायत्री की स्तुति" होता है. यह मंत्र भगवान को प्रकाश, ज्ञान और जीवन का स्रोत मानकर उसकी आराधना करता है.

यह मंत्र संस्कृत भाषा में लिखा गया है जिसे सुबह जल्दी उठकर जपने की सलाह दी जाती है. ऐसा इसलिए माना जाता है कि इस समय मन शांत होता है और मंत्र का प्रभाव अधिक होता है. यह मंत्र इस प्रकार लिखा है:

ॐ भूर्भुवः स्वः, तत्स वितुर्वरेण्यं, भर्गो देवस्य धीमहि, धियो यो नः प्रचोदयात्।

इस मंत्र का मतलब इस प्रकार से है-

भू लोक (पृथ्वी, भौतिक तल की चेतना), भुवर लोक (अंतरिक्ष, मध्यवर्ती स्थान, प्राण की चेतना) और स्वर्ग लोक (आकाश, स्वर्ग, दिव्य मन की चेतना) में बसे हुए उस सूर्य के दिव्य सार वाले, जो सबसे अधिक पूजनीय है , मैं उस दिव्य तेज का ध्यान करता हूं , वह हमारी आध्यात्मिक बुद्धि (आध्यात्मिक चेतना) को जागृत करे.

गायत्री मंत्र जपने से होने वाले फायदे

  • ज्ञान और आध्यात्मिकता: यह मंत्र ज्ञान, आध्यात्मिक विकास और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है.
  • सकारात्मक ऊर्जा: यह मंत्र सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है और नकारात्मक विचारों को दूर करने में मदद करता है.
  • मन की शांति: यह मंत्र मन को शांत करता है और एकाग्रता में सुधार करता है.
  • स्वास्थ्य: यह मंत्र शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है.
  • सफलता: यह मंत्र सफलता और समृद्धि प्राप्त करने में मददगार माना जाता है.

उदाहरण: एक व्यक्ति जो नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जप करता है, वह अधिक शांत, एकाग्र और सकारात्मक महसूस कर सकता है. उसकी एकाग्रता और स्मरण शक्ति में सुधार हो सकता है. साथ ही, उसे अपने जीवन में अधिक सफलता और समृद्धि प्राप्त हो सकती है. 

मंत्र जपने से पहले रखें किन बातों का ध्यान

  • स्नान: जप करने से पहले स्नान कर शुद्ध हो जाना चाहिए.
  • स्वच्छ कपड़े: स्वच्छ और धुले हुए कपड़े पहनने चाहिए.
  • शांत वातावरण: शांत और एकाग्र वातावरण में जप करना चाहिए.
  • ध्यान: जप करते समय मन को मंत्र पर केंद्रित रखना चाहिए.
  • माला: माला का प्रयोग कर जप करना चाहिए.

कितनी बार करना चाहिए मंत्र का उच्चारण

गायत्री मंत्र का उच्चारण धीरे-धीरे और स्पष्ट रूप से करना चाहिए. प्रत्येक शब्द के अर्थ पर ध्यान देना चाहिए. गायत्री मंत्र का जप 108 बार, 1008 बार या इससे अधिक बार भी किया जा सकता है. गायत्री मंत्र एक शक्तिशाली मंत्र है जो जीवन के सभी क्षेत्रों में लाभ प्रदान कर सकता है. नियमित रूप से जप करने से ज्ञान, आध्यात्मिकता, सकारात्मक ऊर्जा, मन की शांति, स्वास्थ्य, सफलता और समृद्धि प्राप्ति में मदद मिल सकती है.