Chhath Puja 2025: रांची में छठ महापर्व की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन इस बार नगर निगम ने घाटों पर फैलने वाली अव्यवस्था और अवैध कब्जे पर सख्त रुख अपनाया है. निगम प्रशासन ने साफ किया है कि किसी भी व्यक्ति, समिति या संगठन द्वारा घाटों पर अवैध रूप से स्थान घेरने या अपने नाम का बोर्ड लगाने की कोशिश की गई, तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.
शहर के कई तालाबों, नदियों और जलाशयों की सफाई के बाद कुछ असामाजिक तत्व वहां अपना कब्जा जमाने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे लोगों द्वारा श्रद्धालुओं से पैसे लेकर आरक्षित जगह देने जैसी शिकायतें भी सामने आई हैं. अब नगर निगम ने इस पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है.
रांची नगर निगम के प्रशासक ने सभी वार्ड अधिकारियों और इंफोर्समेंट टीम को निर्देश दिया है कि किसी भी तरह की जबरन वसूली, अवैध कब्जा या अनधिकृत नामांकन की सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई की जाए. निगम का कहना है कि छठ महापर्व सभी का सामूहिक पर्व है और हर श्रद्धालु को किसी भी घाट या जलाशय पर समान रूप से अर्घ्य अर्पित करने का अधिकार है. किसी को भी यह अधिकार नहीं है कि वह घाट को 'अपना इलाका' बताकर दूसरों को वहां से रोके. प्रशासन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो और महापर्व का आयोजन पूरी स्वच्छता, शांति और अनुशासन के साथ संपन्न हो.
नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि सभी व्रती और श्रद्धालु रांची के किसी भी घाट या जलाशय पर अर्घ्य अर्पित कर सकते हैं. किसी संगठन या व्यक्ति द्वारा किसी स्थान को आरक्षित बताकर रोकना कानूनन अपराध माना जाएगा. निगम का लक्ष्य यह है कि कोई विवाद न हो और सभी श्रद्धालु बिना किसी भय या दबाव के श्रद्धापूर्वक पूजा कर सकें.
नगर निगम की इंफोर्समेंट टीम शहर के 66 प्रमुख तालाबों, नदियों और जलाशयों का निरीक्षण करेगी. यदि किसी स्थान पर किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा नाम, बैनर या बोर्ड लगाया पाया गया तो उसे तुरंत हटाया जाएगा. साथ ही, ऐसे लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. यह कदम श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है.
निगम ने लोगों से अपील की है कि अगर किसी घाट पर वसूली या धमकाने जैसी कोई घटना दिखाई दे, तो तुरंत नियंत्रण कक्ष या संबंधित थाना को सूचना दें. शिकायत मिलते ही दोषियों पर FIR दर्ज की जाएगी. निगम का कहना है कि छठ महापर्व आस्था और अनुशासन का प्रतीक है, इसलिए किसी भी तरह की दादागिरी या वसूली बर्दाश्त नहीं की जाएगी.