क्या कुंवारी कन्याएं कर सकती हैं छठ व्रत?
Reepu Kumari
2025/10/22 11:46:07 IST
छठ व्रत की महत्ता
छठ पूजा 4 दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें सूर्य देव और छठी मैया की उपासना की जाती है. यह व्रत स्वास्थ्य, शुद्धता और भक्ति का प्रतीक माना जाता है.
Credit: Pinterestकौन कर सकता है छठ व्रत
विवाहित महिलाएं, विधवा महिलाएं और विवाहित पुरुष या जनेऊ संस्कार प्राप्त पुरुष इस व्रत को कर सकते हैं. शास्त्रों के अनुसार यह व्रत केवल योग्य व्यक्तियों के लिए है.
Credit: Pinterestक्या कुंवारी कन्याएं कर सकती हैं?
कुंवारी लड़कियों को छठ व्रत नहीं करना चाहिए. इसके पीछे पौराणिक कथा है कि कुंती ने कुंवारी अवस्था में सूर्य देव की उपासना की और मां बन गई थीं. इसलिए कुंवारी कन्याओं के लिए व्रत वर्जित है.
Credit: Pinterestव्रत का कठिन निर्जला उपवास
छठ व्रत में 36 घंटे का कठिन निर्जला उपवास रखा जाता है. इस समय व्रती केवल जल ग्रहण कर सकते हैं और खाने-पीने से परहेज़ करते हैं.
Credit: Pinterestसफाई और प्रसाद का महत्व
व्रती को प्रसाद बनाते समय हाथों की सफाई और स्थान की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए. प्रसाद में केले का होना आवश्यक है.
Credit: Pinterestप्रसाद तैयार करने की विशेष जगह
प्रसाद को रसोई में नहीं बल्कि किसी साफ-सुथरी जगह पर तैयार करना चाहिए. इससे व्रत का पवित्रता और धार्मिक महत्व बना रहता है.
Credit: Pinterestविशेष नियम व्रतियों के लिए
व्रती फर्श पर चादर बिछाकर सोते हैं, बिस्तर पर नहीं. यह शुद्धता और संयम का प्रतीक है.
Credit: Pinterestव्रत का आध्यात्मिक लाभ
छठ व्रत करने से मानसिक शांति, स्वास्थ्य लाभ और परिवार में सुख-समृद्धि आती है. यह व्रत व्यक्ति को धैर्य और अनुशासन सिखाता है.
Credit: PinterestDisclaimer
यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.
Credit: Pinterest