Vastu Tips: गाड़ी खरीदते समय लोग उसकी माइलेज, फीचर्स और बजट का ध्यान तो रखते हैं, लेकिन एक और चीज है जो फैसले को प्रभावित करती है गाड़ी का रंग. भारतीय परंपरा और वास्तु शास्त्र के अनुसार, गाड़ी का रंग न सिर्फ वाहन की सुंदरता बढ़ाता है, बल्कि आपके भाग्य और यात्रा के अनुभव पर भी असर डालता है.
कुछ रंग जहां शांति, सुरक्षा और स्थायित्व के प्रतीक माने जाते हैं, वहीं कुछ रंग आकस्मिक घटनाओं और मानसिक अस्थिरता से जोड़े जाते हैं. ऐसे में जानना जरूरी है कि कौन-सा रंग आपकी गाड़ी के लिए सबसे ज्यादा शुभ और स्थायी माना जाता है.
भारतीय परंपरा और वास्तु के अनुसार, सफेद रंग को शुद्धता, शांति और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है. यह रंग मानसिक शांति देता है और दुर्घटनाओं की आशंका को कम करता है. सफेद गाड़ी धूप में जल्दी गर्म नहीं होती और इसका रखरखाव भी आसान होता है.
हालांकि काले रंग की गाड़ी रॉयल लगती है, लेकिन इसे नकारात्मकता और बाधाओं से जोड़ा जाता है. वास्तु और ज्योतिष के अनुसार, काले रंग की गाड़ी लंबे समय तक समस्याएं खड़ी कर सकती है, खासकर मानसिक तनाव या तकनीकी खराबियों के रूप में.
लाल रंग की गाड़ी तेज रफ्तार और साहसी लोगों की पसंद होती है. हालांकि यह आकर्षक होता है, लेकिन यह रंग गुस्से और टकराव का भी संकेत देता है. ऐसे में यह हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता.
अगर आप सफेद के बाद दूसरा शुभ रंग चुनना चाहें, तो नीला या ग्रे रंग की गाड़ी एक अच्छा विकल्प हो सकता है. नीला रंग शांति और स्थिरता को दर्शाता है, वहीं ग्रे रंग पेशेवर व्यक्तित्व का प्रतीक माना जाता है.
हरा रंग जीवन, विकास और ताजगी का संकेत देता है, लेकिन यह भारत में गाड़ियों के रंग के रूप में कम पसंद किया जाता है. अगर आप भीड़ से अलग दिखना चाहते हैं, तो हरे रंग को आजमा सकते हैं.
नोट- यहां दी गई तमाम जानकारी अलग-अलग मान्यताओं से ली गई हैं. इंडिया डेली इसकी पुष्टी नहीं करता है.