Viral Video: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के थाना कोतवाली देहात क्षेत्र स्थित यमुनापुरम में रिटायर पुलिसकर्मी द्वारा गली में सो रहे एक कुत्ते को गाड़ी से कुचलने की चौंकाने वाली घटना सामने आई है. इस पूरी घटना का लाइव सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें आरोपी की हैवानियत साफ़ तौर से देखी जा सकती है.
वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि आरोपी, जो रिटायर पुलिसकर्मी बताया जा रहा है, पहले अपनी कार को गली में सो रहे कुत्ते के बच्चे ऊपर चढ़ा देता है. कुत्ता दर्द से चीखता है, लेकिन आरोपी यहीं नहीं रुकता. वह कार को पीछे करता है और एक बार फिर जानवर को कुचल देता है. इसके बाद वह अपनी गाड़ी को सड़क किनारे खड़ा करता है, घटनास्थल पर पलटकर देखता है और फिर वहां से आगे बढ़ जाता है.
यूपी के बुलंदशहर में रिटायर पुलिसकर्मी ने गली में सो रहे कुत्ते को कुचल कर मार डाला
— Mukesh Rajput Journalist (@Mukeshk92294988) January 20, 2025
कुत्ते को कुचलना का लाइव सीसीटीवी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल
सीसीटीवी में पहले आगे से और फिर कार बैक करके कुचलता नजर आ रहा रिटायर पुलिसकर्मी
थाना कोतवाली देहात के यमुनापुरम का मामला@Uppolice pic.twitter.com/s09aa9HncR
पुलिस की कार्रवाई
घटना का सीसीटीवी फुटेज वायरल होने के बाद पुलिस ने इस पर त्वरित संज्ञान लिया है. सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) और क्षेत्राधिकारी नगर रिजुल ने बताया कि वीडियो में दिखने वाले आरोपी की पहचान कर ली गई है. आरोपी को हिरासत में लेकर उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि संबंधित अपराध के लिए अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है.
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो जिसमें एक गाड़ी कुत्ते के छोटे से पप्पी पर चढ़ाई जाती हुए दिखाई दे रही है, का संज्ञान लेते हुए अभियोग पंजीकृत कर आरोपी को हिरासत में लेकर विधिक कार्यवाही किये जाने के संबंध में सहायक पुलिस अधीक्षक/क्षेत्राधिकारी नगर की बाइट 👇 pic.twitter.com/zTuXWVsWG5
— Bulandshahr Police (@bulandshahrpol) January 20, 2025
सोशल मीडिया पर आक्रोश
घटना के वायरल वीडियो ने सोशल मीडिया पर लोगों के बीच आक्रोश भड़का दिया है. कई जानवर प्रेमियों और सामाजिक संगठनों ने इस निर्दयता की कड़ी निंदा की है और आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है. यह घटना न केवल जानवरों के प्रति बढ़ते निर्दयी व्यवहार की ओर इशारा करती है, बल्कि समाज में पशु अधिकारों की अनदेखी की भी एक बानगी पेश करती है. ऐसे मामले यह सवाल खड़ा करते हैं कि क्या हमारे कानून और जागरूकता ऐसे क्रूर अपराधों को रोकने के लिए पर्याप्त हैं.