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अंतिम संस्कार से कुछ मिनट पहले महिला ताबूत में हुई जिंदा, वीडियो देखकर आंखों पर नहीं होगा भरोसा

थाईलैंड में अंतिम संस्कार के लिए लाई गई महिला अचानक ताबूत में जिंदा पाई गई. मंदिर कर्मचारियों ने आवाज सुनकर ताबूत खोला.

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Edited By: Kuldeep Sharma
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Courtesy: social media

थाईलैंड में एक अविश्वसनीय घटना सामने आई है, जहां एक 65 वर्षीय महिला को उसके परिवार वाले अंतिम संस्कार के लिए मंदिर लेकर पहुंचे, लेकिन जैसे ही ताबूत खोला गया, वह हलचल करने लगी. 

मंदिर के कर्मचारियों की आंखों के सामने महिला ने हल्के से अपनी आंखें खोली और ताबूत की दीवार पर थपथपाया. यह घटना नॉनथाबुरी प्रांत के वाट रत प्राखोंग थाम मंदिर में हुई, जिसने सभी को हैरान और सदमे में डाल दिया. महिला को तुरंत अस्पताल भेज दिया गया.

ताबूत में हलचल देख कर्मचारी रह गए दंग

बैंकॉक के नॉनथाबुरी प्रांत के वाट रत प्राखोंग थाम मंदिर में यह घटना उस समय हुई जब मंदिर कर्मचारियों ने एक ताबूत को अंदर लिया. मंदिर ने सोशल मीडिया पर वीडियो भी साझा किया. वीडियो में एक सफेद ताबूत में लेटी महिला अपने हाथ और सिर को हल्का-सा हिलाती दिखाई दे रही थी. कर्मचारियों के लिए यह नजारा चौंकाने वाला था, क्योंकि वे मानकर चल रहे थे कि महिला की मौत हो चुकी है.

भाई ने 500 किलोमीटर दूर से लाया था ताबूत

मंदिर के प्रबंधक Pairat Soodthoop ने बताया कि 65 वर्षीय महिला का भाई उसे फित्सानुलोक प्रांत से ताबूत में लेकर आया था. उसने बताया कि बहन दो साल से बिस्तर पर थी और पिछले कुछ दिनों से उसकी हालत और खराब हो गई थी. दो दिन पहले वह रिस्पॉन्स नहीं दे रही थी और ऐसा लगा कि उसकी सांसें बंद हो गई हैं. इसी आधार पर भाई ने समझ लिया कि उसकी मौत हो गई है.

ताबूत से आई हल्की दस्तक से मचा हड़कंप

Pairat ने बताया कि बातचीत के दौरान अचानक ताबूत के अंदर से हल्की दस्तक सुनाई दी. उन्होंने तुरंत ताबूत खोलने को कहा. जैसे ही ताबूत खोला गया, महिला ने हल्के से आंखें खोलीं और ताबूत की दीवार पर हाथ मार रही थी. मंदिर प्रबंधक के मुताबिक, 'वह काफी देर से दस्तक दे रही होगी. उसे देखकर हर कोई हैरान रह गया.'

यहां देखें वीडियो

 

अस्पताल ने पहले अंगदान के लिए नहीं माना

महिला ने पहले यह इच्छा जताई थी कि उसकी मौत के बाद उसके अंग दान किए जाएं. भाई उसे इसी उद्देश्य से 500 किलोमीटर दूर बैंकॉक के एक अस्पताल ले गया था, लेकिन उसके पास आधिकारिक डेथ सर्टिफिकेट नहीं था, इसलिए अस्पताल ने उसे स्वीकार नहीं किया. वह फिर मंदिर पहुंचा, जहां मुफ्त अंतिम संस्कार की सुविधा दी जाती है. लेकिन दस्तावेज न होने की वजह से मंदिर ने भी प्रक्रिया रोक दी.

मंदिर ने उठाया इलाज का खर्च

Pairat ने बताया कि ताबूत खुलने के तुरंत बाद महिला की स्थिति का आकलन किया गया और उसे पास के अस्पताल भेज दिया गया. मंदिर के प्रमुख (abbot) ने घोषणा की कि महिला के इलाज का पूरा खर्च मंदिर वहन करेगा. यह खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है और लोगों को हैरान कर रही है कि एक महिला को जीवित रहते ताबूत में रख दिया गया.