menu-icon
India Daily

मां-बाप ने 15 साल की बेटी को कमरे में किया कैद, 27 साल बाद खुला राज, हालत देख पुलिस के भी उड़े होश

Polish Woman Locked By Parents: पोलैंड में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवती को उसके ही माता-पिता ने 27 वर्षों तक घर में कैद करके रखा, 15 साल की उम्र में गायब हुई मिरेला को अब पुलिस ने 42 वर्ष की अवस्था में एक कमरे से आजाद कराया है.

auth-image
Edited By: Kuldeep Sharma
ai image
Courtesy: ai generated

Polish Woman Locked By Parents: पोलैंड का यह मामला इंसानियत को झकझोर देने वाला है. 1998 में जब मिरेला नाम की लड़की 15 साल की थी, तभी से वह रहस्यमय तरीके से गायब मानी जा रही थी. पर सच्चाई यह थी कि उसे उसके ही माता-पिता ने घर में बंद कर रखा था. अब, 27 साल बाद, पुलिस ने जब उसे आजाद कराया तो वह कमजोर, बीमार और लगभग पहचान में न आने की स्थिति में थी.

स्विएतोकलोविस इलाके में रहने वाले पड़ोसियों ने जुलाई महीने में देर रात मिरेला के माता-पिता के फ्लैट से अजीब आवाजें सुनीं. जब आवाजें लगातार आने लगीं, तो लोगों ने पुलिस को बुला लिया. पुलिस ने घर की तलाशी ली, तो एक कमरे में बंद एक महिला मिली. ये वही मिरेला थी, जिसे 27 साल पहले गायब बताया गया था. पुलिस और स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उसके माता-पिता ने सभी से कहा था कि वह 'अपनी असली मां के पास चली गई है.'

शरीर कमजोर, हालत बेहद नाजुक

जब पुलिस ने मिरेला को बाहर निकाला, तो उसकी हालत देखकर सब हैरान रह गए. वह इतनी कमजोर थी कि मुश्किल से खड़ी हो पा रही थी. स्थानीय रिपोर्टों में बताया गया कि उसका शरीर 'एक बूढ़ी महिला जैसा' दिख रहा था. डॉक्टरों ने जांच में पाया कि उसके पैरों में गंभीर घाव थे और संक्रमण के कारण वह मौत के करीब थी. उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के बाद उसकी स्थिति में सुधार आया.

मां-बेटी ने दी सफाई, लेकिन खुल गया सच

पुलिस जब घर पहुंची तो मिरेला और उसकी मां ने शुरू में कहा कि सब कुछ ठीक है. लेकिन अधिकारियों को स्थिति संदिग्ध लगी, और उन्होंने मिरेला को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल भेज दिया. वहां जांच के बाद खुलासा हुआ कि उसे लंबे समय से न धूप मिली थी, न खुली हवा. रिपोर्टों के मुताबिक, उसे लगभग 'जीवित लाश' की तरह कमरे में बंद रखा गया था.

पड़ोसी और समाज में सदमे की लहर

जो लोग कभी मिरेला को एक स्वस्थ, हंसमुख किशोरी के रूप में जानते थे, वे अब उसकी दशा देखकर टूट गए हैं. स्थानीय निवासियों ने उसके पुनर्वास के लिए फंड जुटाना शुरू किया है. पुलिस ने उसके माता-पिता को हिरासत में ले लिया है और अब यह मामला पूरे पोलैंड में मानवाधिकारों पर बहस छेड़ रहा है. लोगों का कहना है कि यह सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि एक मानवीय त्रासदी है जो दिखाती है कि सामाजिक चुप्पी कितनी खतरनाक हो सकती है.

मिरेला की कहानी न सिर्फ पोलैंड बल्कि पूरे विश्व के लिए एक चेतावनी है कि घर की चारदीवारी के भीतर भी इंसानियत कैद हो सकती है. 27 साल की इस यातना के बाद अब समाज उसे एक नई शुरुआत देने की कोशिश कर रहा है.

सम्बंधित खबर