Employees Dance Welcome: हाल ही में एक कॉर्पोरेट ऑफिस में विदेशी कस्टमर के स्वागत के लिए कर्मचारियों द्वारा किए गए डांस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. यह वीडियो, जो रेडिट और एक्स पर तेजी से लोकप्रिय हुआ, न केवल मनोरंजक है, बल्कि इसने भारतीय कार्यस्थल की संस्कृति पर एक नई बहस छेड़ दी है. आइए, इस अनोखे स्वागत और इससे जुड़े विवाद को विस्तार से समझें.
इस वायरल क्लिप में एक कॉर्पोरेट टीम तेलुगु गाना "किल्ली किल्ली" पर सामूहिक नृत्य करती नजर आ रही है. वीडियो में एक कर्मचारी ने लोकप्रिय बॉलीवुड गाने "मैं तेरा बॉयफ्रेंड" पर सोलो डांस भी किया, जिसने विदेशी मेहमान को इतना प्रभावित किया कि वह भी डांस में शामिल हो गया. यह दृश्य न केवल उत्साहपूर्ण था, बल्कि यह कार्यस्थल में भारतीय संस्कृति के जीवंत रंगों को भी दर्शाता है.
India should stop chaprification of corporate offices
— Woke Eminent (@WokePandemic) July 21, 2025
This is so pathetic to see Indian girls dancing in office an d welcoming a foreign client and the becahra client also forced to dance.
Such showcasing will only make other countries feel Indian offices are causal and not… pic.twitter.com/gpA9kXY4GJ
सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं
एक्स अकाउंट 'वोक एमिनेंट' ने इस वीडियो को एक आलोचनात्मक कैप्शन के साथ साझा किया: "भारत को कॉर्पोरेट ऑफिसों का ढोंग करना बंद करना चाहिए. यह देखना बहुत ही दयनीय है कि भारतीय लड़कियां ऑफिस में नाच रही हैं और एक विदेशी क्लाइंट का स्वागत कर रही हैं, और बेचारे क्लाइंट को भी नाचने के लिए मजबूर किया जा रहा है. इस तरह के प्रदर्शन से दूसरे देशों को यही लगेगा कि भारतीय ऑफिस लापरवाह हैं और गंभीर काम के लायक नहीं हैं." इस पोस्ट पर यूजर्स की प्रतिक्रियाएं दो धड़ों में बंटी नजर आईं. कुछ ने इसे एक मजेदार और टीम-बॉन्डिंग गतिविधि बताया, तो कुछ ने इसे गैर-पेशेवर करार दिया. एक यूजर ने इसका बचाव करते हुए कहा, "दुनिया भर में ऐसा हर जगह होता है. भूमिकाएँ भी बदल जाती हैं. हर देश में. और इससे काफ़ी मदद मिलती है." वहीं, एक अन्य यूजर ने इसे "शर्मनाक" बताते हुए लिखा, "यह बेतरतीब डांस सीन बंद होना चाहिए. डांस अपने आप में अच्छा नहीं है और दृश्य तो और भी बुरे हैं."
कार्यस्थल की संस्कृति पर गहरी बहस
यह वीडियो केवल नृत्य तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने कार्यस्थल की सांस्कृतिक प्रथाओं पर व्यापक चर्चा को जन्म दिया. एक यूजर ने सुझाव दिया, "पहला कदम यह है कि पेशेवर माहौल में लोगों को 'सर' और 'मैडम' कहना बंद किया जाए. यह 'हमें काम देने के लिए धन्यवाद, अब हम आपके गुलाम हैं' वाला रवैया बंद होना चाहिए." इस टिप्पणी ने भारतीय कॉर्पोरेट संस्कृति में औपचारिकता और विनम्रता की गहरी जड़ों पर सवाल उठाए.सकारात्मक नजरिया:
एक यादगार अनुभव
कई यूजर्स ने इस नृत्य प्रदर्शन को एक सकारात्मक कदम माना. उनका कहना था कि इस तरह के आयोजन न केवल कर्मचारियों के बीच आपसी संबंधों को मजबूत करते हैं, बल्कि ग्राहकों को एक अनूठा और यादगार अनुभव भी प्रदान करते हैं. एक यूजर ने टिप्पणी की, "इस प्रदर्शन का उद्देश्य संभवतः टीम के बीच संबंध को मजबूत करना, प्रतिभा का प्रदर्शन करना और यह सुनिश्चित करना था कि ग्राहक मुस्कुराहट के साथ जाए.