हेडमास्टर के फेयरवेल पर छात्रों ने दिया ग्रैंड सरप्राइज, हेलीकॉप्टर में किया विदा; Video देख खुश हो जाएगा दिल!

नेपाल के गोरखा जिले के रुंचेट गांव में 57 वर्षीय हेडमास्टर इंद्र बहादुर को रिटायरमेंट पर अनोखी विदाई मिली. गांववालों और छात्रों ने मिलकर चार्टर्ड हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की और उन्हें पूरे सम्मान के साथ रवाना किया.

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Princy Sharma

नेपाल: नेपाल के गोरखा जिले के धारचे रूरल म्युनिसिपैलिटी के रुंचेट गांव में एक दिल को छू लेने वाला और अविश्वसनीय नजारा देखने को मिला, जहां गांववालों ने अपने प्यारे हेडमास्टर को सच में एक खास विदाई दी. गंडकी सेकेंडरी स्कूल के 57 साल के प्रिंसिपल इंद्र बहादुर दशकों की सर्विस के बाद रिटायर हुए और गांववालों ने उन्हें ऐसे सम्मान दिया जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी. 

बच्चों ने उन्हें एक शानदार और इमोशनल विदाई देने के लिए एक चार्टर्ड हेलीकॉप्टर का इंतजाम किया, जिससे यह पल एक ऐसी याद बन गया जिसे पूरा गांव हमेशा याद रखेगा. स्कूल में एक शानदार विदाई प्रोग्राम रखा गया, जिसमें स्टूडेंट्स, पेरेंट्स, टीचर्स और लगभग सभी लोकल लोग शामिल हुए. सेरेमनी के बाद, हेडमास्टर को पूरे सम्मान के साथ हेलीकॉप्टर तक ले जाया गया, जबकि भीड़ तालियां बजा रही थी और खुशी मना रही थी. यह गर्व, शुक्रिया और इमोशन से भरा पल था.

एक ही स्कूल में किया 36 साल काम

इंद्र बहादुर 1988 से स्कूल में काम कर रहे थे और उन्होंने शानदार 36 साल, 8 महीने और 22 दिन तक सेवा की. उन्होंने 19 साल की छोटी उम्र में मैथ्स और इंग्लिश पढ़ाना शुरू किया और 57 साल की उम्र तक स्कूल और कम्युनिटी की सेवा करते रहे. उनकी लगन, ईमानदारी, सादा स्वभाव और पढ़ाई के प्रति गहरी लगन ने उन्हें गांव में एक प्यारा इंसान बना दिया.

स्टूडेंट्स ने किया यूनिक फेयरवेल

पुराने स्टूडेंट्स ने उनकी सालों की सर्विस से इंस्पायर होकर एक यूनिक फेयरवेल प्लान करने का फैसला किया. उन्होंने मिलकर दो लाख पांच हजार रुपये जमा किए और खास तौर पर इस मौके के लिए एक हेलीकॉप्टर किराए पर लिया. गांववालों के लिए, यह सिर्फ एक फेयरवेल नहीं था. यह उस आदमी के प्रति अपना सम्मान दिखाने का मौका था जिसने कई पीढ़ियों का भविष्य बनाया.

इवेंट के बाद, हेलीकॉप्टर ने स्कूल ग्राउंड से ही उड़ान भरी और इंद्र बहादुर को काठमांडू ले गया. वहां से, वह अपने घर के लिए फ्लाइट से गए. इस खास फेयरवेल के वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गए, नेपाल और दूसरे देशों के लोगों ने गांववालों के प्यार और तारीफ के लिए उनकी तारीफ की.

इंद्र बहादुर के योगदान

गांववाले कहते हैं कि एजुकेशन में इंद्र बहादुर के योगदान को मापा नहीं जा सकता. उन्होंने अनगिनत बच्चों को पढ़ाया, परिवारों को गाइड किया और पूरे कम्युनिटी को इंस्पायर किया. हेलीकॉप्टर से विदाई देना उनके लिए यह दिखाने का तरीका था कि उनकी सेवा के सालों को कभी नहीं भुलाया जाएगा और वह हमेशा उनके दिलों में हीरो बने रहेंगे.