अंतिम संस्कार हो गया था, तेरहवीं की थी बारी, अचानक आकर खड़ा हो गया 'मरा हुआ बेटा'

MP News: मध्य प्रदेश के एक परिवार ने घर से लापता हुए अपने बेटे का अंतिम संस्कार कर दिया था. जिस दिन युवक की तेरहवीं होनी थी उस दिन वही युवक लौट आया जिसको लोगों ने मरा हुआ मान लिया था.

Social Media
India Daily Live

मध्य प्रदेश के श्योपुर इलाके की यह घटना है. जहां एक परिवार का बेटा घर से लापता हो गया था. उसी परिवार को एक्सीडेंट में एक युवक की लाश मिली, जिसमें युवक की पहचान नही हो पाई. परिवारवालों ने उसी शव को अपना बेटा समझकर, उसका अंतिम संस्कार कर दिया. जब तेरहवीं करने की बारी आई तो लापता बेटा अचानक से अपने घर वापस लौट आया जिसे देखकर लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई.

गमगीन परिवार में अचानक खुशी का माहौल वापस आ गया. हालांकि, इसके बाद सवाल खड़े होने लगे कि आखिर जिस युवक का अंतिम संस्कार परिवार के लोगों ने किया, वह कौन था? 

आखिर किसका था वो शव?

दरअसल, बीते दिनों सोशल मीडिया पर एक दुर्घटना की फोटो जारी की गई थी. जिसमें बताया गया था कि किसी अज्ञात युवक का राजस्थान के सवाई माधोपुर के पास सुरवाल में गंभीर एक्सीडेंट हो गया है. जब यह खबर तस्वीर के साथ श्योपुर जिले के लहचौड़ा स्थित दीनदयाल शर्मा के परिजन को मिली तो उन्होंने उस दुर्घटना में घायल युवक की पहचान अपने बेटे सुरेंद्र शर्मा के रूप में की.

आनन-फानन में परिजन श्योपुर से जयपुर पहुंच गए. जहां उसे इलाज के लिए रेफर किया गया था. जब परिजन जयपुर पहुंचे तो डॉक्टर ने बताया कि सुरेंद्र की मौत हो चुकी है. पोस्टमॉर्टम से पहले पहचान करने सहित सारी जरूर औपचारिकता पूरी करने के बाद अस्पताल प्रबंधन और पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया.

क्या था पूरा मामला? 

सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि वह जयपुर शहर में कपड़े के कारखाने में सुपरवाइजर के पद पर काम करते हैं. पिछले महीने घर पर छुट्टी बिताकर वापस अपनी नौकरी करने जयपुर गए थे. इसी दौरान मोबाइल फोन खराब हो गया और 2 महीने तक घरवालों से उसका संपर्क नहीं हो सका. जिसकी वजह से परिवार के लोगों  ने उसकी काफी तलाश की. धीरे-धीरे करके परिवार की आस टूट चुकी थी. उसी बीच किसी एक्सीडेंट की घटना परिवार के सामने आई. जिसे परिवार के लोगों ने सुरेन्द्र के रूप में पहचान कर लिया. साथ ही उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया. 

जिंदा वापस लौटे सुरेंद्र की मां कृष्णा देवी का कहना है कि पिछले दिनों जानकारी मिलने के बाद हमारे घर के लोगों ने किसी अज्ञात शव की पहचान सुरेंद्र के रूप में की और गांव लाकर अंतिम संस्कार कर दिया. बेटे का फोन आया तो उन्हें यकीन नहीं हुआ लेकिन अब वो बहुत खुश हैं.