रात में नींद से जागी तो देखा कोई कर रहा था रेप, विरोध करने पर काटा गला, जिस पर भरोसा किया वही निकला दरिंदा

25 साल की जेनिफर मोरे पर उसी सुरक्षा गार्ड ने जानलेवा हमला किया, जिसे उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी. गंभीर हमले के बावजूद उन्होंने हिम्मत दिखाई, 911 कॉल की और अपनी जान बचाने में सफल रहीं.

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Kanhaiya Kumar Jha

नई दिल्ली: यह कहानी अमेरिका के टेक्सास राज्य की है, जहां 1995 में एक युवा महिला के साथ ऐसी वारदात हुई, जिसने सुरक्षा व्यवस्था और मानवीय हौसले दोनों पर सवाल खड़े कर दिए. जेनिफर मोरे उस समय केवल 25 वर्ष की थीं और ह्यूस्टन में एक सुरक्षित माने जाने वाले अपार्टमेंट में अकेली रहती थीं. लेकिन जिस व्यक्ति पर उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी थी, वही उनकी जान लेने पर उतारू हो गया. यह घटना उनके जीवन को हमेशा के लिए बदल गई.

दरअसल, अप्रैल 1995 में जेनिफर मोरे ह्यूस्टन के एक ऐसे फ्लैट कॉम्प्लेक्स में रहती थीं, जिसे उन्होंने बेहद सुरक्षित समझकर चुना था. परिसर के चारों ओर आठ फुट ऊंची दीवार थी और चौबीसों घंटे सुरक्षा गार्ड तैनात रहते थे. जेनिफर एक युवा वकील थीं और अकेले रहने के कारण उन्होंने सुरक्षा को सबसे बड़ी प्राथमिकता दी थी. उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि यही सुरक्षा उनके लिए सबसे बड़ा खतरा बन जाएगी.

रात का भयावह हमला

एक रात नींद के दौरान जेनिफर की आंख खुली तो उन्होंने खुद को एक व्यक्ति के नीचे दबा हुआ पाया. वह शरीर का वजन महसूस कर रही थीं और समझने की कोशिश कर रही थीं कि हो क्या रहा है. तभी उन्होंने अपने गले पर चाकू महसूस किया. हमलावर उनकी कपड़े उतारने की कोशिश कर रहा था. उसी पल जेनिफर को एहसास हुआ कि उन पर हमला किया जा रहा है.

जान बचाने की जद्दोजहद

जेनिफर ने पूरी ताकत से चीखना, लात मारना और विरोध करना शुरू किया. इसके जवाब में हमलावर ने उनके चेहरे और गले पर चाकू से वार किया. खून तेजी से बहने लगा और उन्हें लगा कि अब शायद वह नहीं बचेंगी. फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी. वह बाथरूम तक पहुंचीं, दरवाजा बंद किया और टॉयलेट पेपर से अपने गले का खून रोकने की कोशिश की.

911 कॉल जिसने जिंदगी बदली

हमलावर ने फ्लैट की बिजली और लैंडलाइन काट दी थी, लेकिन जेनिफर के पास एक मोबाइल फोन था, जो 1995 में बहुत कम लोगों के पास होता था. उन्होंने 911 पर कॉल की. कॉल उठाने वाले अधिकारी रिचर्ड एवरेट ने उन्हें दरवाजा न खोलने की सख्त सलाह दी. कुछ देर बाद दरवाजे पर दस्तक हुई, लेकिन सलाह मानने के कारण जेनिफर बच गईं. वह दस्तक हमलावर की ही थी.

हमलावर की गिरफ्तारी और आगे की जिंदगी

उस रात पुलिस ने सुरक्षा गार्ड ब्रायन वेन गिब्सन को गिरफ्तार कर लिया. जांच में सामने आया कि उसके खिलाफ पहले भी कई शिकायतें थीं, लेकिन कंपनी ने उसे हटाने के बजाय अलग जगह तैनात किया था. 1998 में जेनिफर ने सुरक्षा कंपनी पर मुकदमा किया और मुआवजा जीता. बाद में उन्होंने अपनी वकालत शुरू की और एक सम्मानित फैमिली लॉयर बनीं. आज भी वह उस 911 अधिकारी के संपर्क में हैं, जिसे वह अपनी जिंदगी का रक्षक मानती हैं. गिब्सन 2015 में जेल से रिहा हुआ और अब वह यौन अपराधियों की सूची में दर्ज है.