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India Daily

कर्मचारी ने दादा के निधन पर मांगी छुट्टी, मैनेजर ने लिखा, 'ठीक है व्हाट्सएप पर...', सोशल मीडिया पर फूटा लोगों का गुस्सा

दादा के निधन पर अवकाश मांगने पर मैनेजर के असंवेदनशील व्हाट्सऐप जवाब ने सोशल मीडिया पर आक्रोश भड़का दिया. कर्मचारी द्वारा चैट शेयर करने के बाद इस घटना ने टॉक्सिक वर्ककल्चर पर गंभीर सवाल उठाए.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Distressed employees at the workplace
Courtesy: canva

दफ्तरों में बढ़ते टॉक्सिक वर्ककल्चर पर एक नई घटना ने फिर बहस छेड़ दी है. एक कर्मचारी ने दादा के निधन के बाद छुट्टी मांगी, तो मैनेजर का जवाब देखकर लोग हैरान रह गए. मैनेजर ने संवेदना तो व्यक्त की, लेकिन साथ ही कर्मचारी से व्हाट्सऐप पर एक्टिव रहने और ऑनबोर्डिंग कॉल में शामिल होने को कहा.

सोशल मीडिया पर चैट वायरल होते ही हजारों लोगों ने मैनेजर के इस व्यवहार को अमानवीय बताया और कर्मचारी के साथ सहानुभूति जताई.

 मैनेजर ने कहा व्हाट्सऐप पर एक्टिव रहना

कर्मचारी ने व्हाट्सऐप पर लिखा-  'सर, मेरे नाना रात में गुजर गए. आज ऑफिस नहीं आ पाऊंगा.' मैनेजर ने जवाब में दुख जताया, लेकिन तुरंत कहा- ऑनबोर्डिंग चल रही है, induction कॉल में रहना और व्हाट्सऐप पर एक्टिव रहना. यह स्क्रीनशॉट Reddit के 'IndianWorkplace' फोरम पर शेयर होते ही वायरल हो गया और अब लोग मैनेजर के असंवेदनशील व्यवहार की आलोचना कर रहे हैं.

Do you have to sell your soul to be an Indian manager?
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हम इंसान हैं कोई मशीन नहीं

चैट पोस्ट करते हुए कर्मचारी ने लिखा कि दो साल में एजेंसी ने उससे स्कोप से बाहर काम करवाया, कई कर्मचारियों को हटाकर अतिरिक्त जिम्मेदारियां थोप दीं, फिर भी उसने कभी शिकायत नहीं की लेकिन इस जवाब ने उसे स्तब्ध कर दिया. उसने लिखा-  'क्या मैनेजर्स भूल जाते हैं कि हम इंसान हैं, कोई मशीन नहीं?'

सोशल मीडिया पर मिल रहा समर्थन

सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने कर्मचारी को नौकरी छोड़ने की सलाह दी. लोगों ने कहा कि “Take the day off” के बाद “but” नहीं आना चाहिए. कई ने सुझाव दिया कि वह अपनी सीमा तय करे ताकि ऐसा व्यवहार भविष्य में किसी और के साथ न दोहराया जाए. एक यूज़र ने कहा, “आपके दुख के लिए संवेदना. मैनेजर को जरूर बताएं कि उसने गलत किया है.”

कंपनी के लिए वफादारी कभी मत दिखाओ

कई लोगों ने इसे प्रोफेशनलिज्म का सबसे खराब उदाहरण बताया. सुझाव दिए गए कि इस्तीफा देते समय कर्मचारी इस चैट को मेल में जोड़कर CEO और मैनेजमेंट को मार्क करे. एक यूजर ने लिखा- 'कंपनी के लिए वफादारी कभी मत दिखाओ, बिजनेस में भावनाओं की कोई जगह नहीं.'

इस्तीफा देने की सोच रहा हूं

कर्मी ने बाद में बताया कि वह मैनेजर के मैसेज का जवाब नहीं देगा और विकल्प तलाश रहा है. उसका इरादा वेतन आने के बाद नौकरी छोड़ने का है. यह घटना बताती है कि भारत के कई कार्यस्थलों में संवेदनशीलता और मानवीय व्यवहार की अभी भी गंभीर कमी बनी हुई है.