दादा ने साल 1994 में खरीदे थे 500 रुपये के शेयर, 30 साल बाद लखपति बन गया पोता
Viral News: चंडीगढ़ में एक डॉक्टर के दादा ने साल 1994 में छोटा सा एक इन्वेस्टमेंट किया था. 30 साल बाद जब डॉक्टर को निवेश का दस्तावेज मिल तब तक उसकी कीमत लाखों में पहुंच गई थी. जानिए पूरा मामला.
Viral News: चंडीगढ़ के एक डॉक्टर को पुराने दस्तावेजों में दादा के जामाने का ऐसा खजाना मिला, जिसे पाकर वह मालामाल हो गया. शख्स ने कभी सोचा नहीं था कि उसके दादा का निवेश, 3 दशक बाद दोगुना या तिगुना नहीं बल्कि 750 गुना रिटर्न देकर जाएगा.
अपने दादा का खाजाना जिस शख्स के हाथ लगा है, उसका नाम तन्मय मोतीवाला है. तन्मय मोतीवाला चंडीगढ़ में रहते हैं और पेशे से चिकित्सक हैं. घर की तलाशी में उन्हें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के शेयर वाले दस्तावेज मिले. उनके दादा ने 1994 में SBI के 500 रुपये के शेयर खरीदे थे.
3 दशक में इतनी बढ़ गई शेयर की कीमत
अब यह छोटी सी रकम इतनी बड़ी हो चुकी है, जिसे जानकर आपके होश उड़ जाएंगे. यह रकम करीब 750 गुना बढ़ गई है. शख्स ने बताया है कि अब SBI के उस शेयर की कीमत बढ़कर 3.75 लाख रुपये हो गई है. 3 दशक में बढ़े इस रकम के बारे में जानकर खुद डॉक्टर भी हैरान है. उन्हें भरोसा नहीं हो रहा है कि ऐसा भी हो सकता है.
कैसे मिला खोया हुआ खजाना?
डॉ. मोतीवाला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया, 'मेरे दादा ने SBI के 500 रुपये के शेयर साल 1994 में खरीदे थे. वे इसके बारे में भूल चुके थे. उन्हें कोई आइडिया नहीं था कि उन्होंने यह कहां लगाया है. मैं जब घर के कुछ अहम दस्तावेज इकट्ठा कर रहा था, तभी इससे जुड़ा एक दस्तावेज मिला.'
उन्होंने लिखा, 'कुछ लोगों ने मुझसे पूछा कि इसकी कीमत अब कितनी है. अब यह करीब 3.75 लाख रुपये तक पहंच गई है. इसमें डिविडेंट के आंकड़े नहीं जुड़े हैं. बहुत बड़ी रकम ये नहीं है लेकिन 3 दशक में 750 गुना इसकी कीमत बढ़ गई है.'
कैसे मिले इतने पुराने शेयर?
डॉक्टर ने बताया, 'हमने एक एडवाजर की मदद ली. यह प्रक्रिया थोड़ी लंबी थी. इसकी वजह से नाम की स्पेलिंग में गलतियां, सिग्नेचर मिसमैच भी हो सकती है. समय लगा लेकिन हम इसे हासिल करने में कामयाब हो गए.'
क्या दादा के शेयर बेच देगा पोता?
शख्स ने कहा है कि वह खाते को बेचने के मूड में नहीं है. उसे पैसों की जरूरत नहीं है.
क्या कह रहे हैं लोग?
सोशल मीडिया पर ये पोस्ट वायरल हो रही है. कुछ लोग कह रहे हैं, 'दादा ले पोता बरते' वाली कहावत सच हो गई है. कुछ लोगों का कहना है कि यही सही निवेश है. हमें उनसे सीखने की जरूरत है. छोटे से निवेश से उन्होंने अपने पोते के लिए ठीक-ठाक रकम छोड़ दी.