Bengaluru Leopard Attack: बेंगलुरु के बन्नेरघट्टा बायोलॉजिकल पार्क में सफारी के दौरान तेंदुए ने 13 साल के लड़के पर किया हमला, वीडियो हुआ वायरल
बेंगलुरु के बनरघट्टा बायोलॉजिकल पार्क में सफारी के दौरान तेंदुए ने 13 वर्षीय बच्चे पर हमला कर घायल कर दिया. बच्चा अस्पताल में भर्ती है. घटना के बाद अधिकारियों ने खिड़कियों को सुरक्षित ढकने और ड्राइवरों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. पर्यावरणविदों ने पार्क के आसपास शहरीकरण से वन्यजीवों के बढ़ते खतरे पर चिंता जताई है.
Bengaluru Leopard Attack: बेंगलुरु के बनरघट्टा बायोलॉजिकल पार्क में शुक्रवार दोपहर सफारी के दौरान एक तेंदुए ने 13 वर्षीय बच्चे पर हमला कर दिया. यह घटना उस समय हुई जब सफारी वाहन पर्यटकों को पार्क का दौरा करा रहा था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वाहन एक स्थान पर रुका था और तभी अचानक तेंदुआ खिड़की से अंदर झपटा और बच्चे को अपने पंजों से घायल कर दिया.
घायल बच्चे को तुरंत नजदीकी निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है. घायल बच्चे की पहचान सुहास के रूप में हुई है, जो बोम्मासंद्रा का निवासी है. वह अपने माता-पिता के साथ छुट्टियां बिताने सफारी पर आया था. इस घटना ने सफारी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
घटना का वायरल वीडियो
पार्क के कार्यकारी निदेशक का बयान
घटना के बाद बनरघट्टा नेशनल पार्क के कार्यकारी निदेशक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बयान जारी किया. उन्होंने बताया कि एक 12 वर्षीय बच्चा नॉन-एसी बस सफारी के दौरान तेंदुए के हमले का शिकार हुआ. जब बच्चा बस में चढ़ रहा था तभी तेंदुए ने झपट्टा मारकर उसके हाथ को घायल कर दिया. अधिकारी ने कहा कि बच्चे को तुरंत प्राथमिक उपचार दिया गया और आगे की जांच के लिए अस्पताल भेजा गया.
ड्राइवरों को दिए गए सख्त निर्देश
प्रशासन ने कहा कि अब सभी नॉन-एसी सफारी वाहनों की खिड़कियों और कैमरा स्लॉट्स को सुरक्षित रूप से ढकने के उपाय किए जा रहे हैं. इसके अलावा बस ड्राइवरों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि सफारी के दौरान विशेष सावधानी बरतें और किसी भी तरह की लापरवाही न करें.
स्थानीय लोगों में भय का माहौल
बनरघट्टा जूलॉजिकल पार्क बेंगलुरु का प्रमुख पर्यटन स्थल है और यहां रोजाना बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. हालांकि, हाल के समय में इस पार्क और आसपास के नेशनल पार्क को लेकर कई विवाद सामने आए हैं. मानव और वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ी हैं. अक्सर तेंदुए और हाथी आसपास की रिहायशी कॉलोनियों में देखे जाते हैं, जिससे स्थानीय लोगों में भय का माहौल बना रहता है.
इस घटना पर जताई चिंता
पर्यावरणविदों ने भी इस घटना पर चिंता जताई है. उनका कहना है कि तेजी से बढ़ता शहरीकरण और पार्क के आसपास नए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स वन्यजीवों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं. उनका मानना है कि इससे जंगलों के कॉरिडोर खत्म हो जाएंगे और इंसान-जानवर के बीच टकराव और बढ़ सकता है.
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