India Manch Conclave Acharya Prashant: प्रसिद्ध दार्शनिक आचार्य प्रशांत आज इंडिया डेली के मंच पर नजर आए. इस दौरान उन्होंने कई सवालों के बेबाकी से जवाब दिए. धर्म और सनातन की असल पहचान को लेकर पूछे गए सवाल पर आचार्य ने कहा कि सनातन का मतलब है जो बदलता नहीं है. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया बदल गई, हमारा इतिहास बदल गया, भौगौलिक मान्यताएं बदल गई फिर भी इंसानी बेचैनी खत्म नहीं हुई. लोग इस बेचैनी में क्या से क्या कर गए. सनातन इसी बेचैनी का इलाज है.
उन्होंने कहा कि सनातन का मतलब है अपनी आदिम बेचैनी का इलाज करना. धर्म के मसले पर कहा कि धर्म वह है जिससे आप बच नहीं सकते. यह आपको करना ही है. उन्होंने कहा कि जन्मगत ऋण धर्म है. आप दुनिया के किसी भी हिस्से में पैदा हुए हों. आपका लिंग कोई भी हो. आपकी छटपटाहट को सही अंजाम तक ले जाना ही सनातन है, धर्म है.
हिंदू राष्ट्र के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो सनातन है वह असल में खुद की तलाश है. आज दुनिया के हर शख्स में बेचैनी है चाहे वह अमेरिकी हो, रूसी हो, चीनी हो कोई भी हो. सबके अंदर बेचैनी है सब इसका इलाज करना चाहते हैं. सबकी कोशिश है कि वह सनातन को पा जाएं. इस बेचैनी का असल इलाज ही सनातन है. अपने आप को सही और शुद्ध रूप में पहचान लेना ही सनातन धर्म है.