हाथरस हादसे में 121 लोगों की मौत हुई थी. जिस भोले बाबा के समागम में इतने लोग मारे गए हैं, वही फरार है, उसका अता-पता नहीं चल रहा है. उसके भक्तों को वह ईश्वर लगता है. जिन लोगों ने अपनों को खोया है, उन्हें इंसाफ की आस भी नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया.
2 जुलाई को हुए हाथरस हादसे की जांच के लिए याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज की देखरेख में 5 सदस्यीय एक्सपर्ट समिति नियुक्त करने की मांग की है. हाई कोर्ट ने ये याचिका ठुकरा दी.
चीफ जस्टिस DY चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा है कि वे हाई कोर्ट का रुख करें. बेंच ने कहा, 'बेंच ने कहा है कि बेशक ये परेशान करने वाली घटनाएं हैं लेकिन हाई कोर्ट इनसे निपटने में सक्षम है. याचिकाकर्ता का दलील है कि यह केस चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता से भी जुड़ा है. जब इंडिया डेली ने धर्मगुरुओं से भोले बाबा पर सवाल किया तो उन्होंने कि ये बाबा नहीं है, ये कलंकी बाबा है.
महामंडलेश्वर, योगी हितेश्वरनाथ महाराज ने कहा कि ऐसे ढोंगी बाबाओं पर एक्शन होना चाहिए. ये बाबा नहीं हैं, ये आरोपी हैं. इन पर बैन लगना चाहिए. आचार्य प्रमोद मिश्र और मुस्लिम स्कलॉर नजीम खान का भी यही सोचना है. देखें उन्होंने हाथरस हादसे पर क्या-क्या कहा है.