Hathras Stampede Case: हाथरस भगदड़ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से सीधे सुप्रीम कोर्ट आने के बारे में सवाल पूछा और फिर हाईकोर्ट जाने को कहा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ऐसे मामलों को देखने के लिए पर्याप्त है. याचिकाकर्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए पीआईएल दाखिल की गई थी. याचिकाकर्ता की ओर से इस तरह की घटना दोबारा न हो, इसके लिए गाइडलाइंस की मांग की गई है. साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.
सुप्रीम कोर्ट के इस टिप्पणी के बाद 'भोले बाबा' के वकील एपी सिंह ने कहा कि सत्य की जीत हुई है. ये उनके अनुयायियों की जीत है, एसआईटी की जीत है, उत्तर प्रदेश सरकार की जीत है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने घटना को लेकर संवेदना व्यक्त की है.
इंडिया डेली लाइव की ओर से जब पूछा गया कि आखिर बाबा इस घटना को लेकर संवेदना क्यों नहीं व्यक्त करते, तो एपी सिंह ने कहा कि बाबा ने भी कई बार घटना को लेकर संवेदना व्यक्त की है.
जब उनसे पूछा गया कि बाबा यानी सूरजपाल सिंह कहां हैं? तो एपी सिंह ने जवाब दिया कि आपको क्या लगता है कि देश भर में उनके 3 करोड़ के करीब अनुयायी हैं, अगर उनको पता चल गया कि बाबा कहां हैं, तो भीड़ रूक पाएगी. लॉ एंड ऑर्डर बना रहे, इसलिए इसकी व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने ये भी कहा कि बाबा भारत में ही हैं और अपने आश्रम में हैं.
जब उनसे पूछा गया कि आखिर बाबा इंडिया डेली चैनल पर आएंगे, तो उन्होंने कहा कि क्यों नहीं आएंगे, वे समय पर आपके चैनल पर भी आएंगे. एपी सिंह ने कहा कि इंडिया डेली निष्पक्ष चैनल है. जब एपी सिंह से पूछा गया कि बाबा उन 120 परिवारों के पास क्यों नहीं जा रहे हैं, जिनके परिजन इस भगदड़ में मारे गए, तो उन्होंने जवाब दिया कि बाबा ने पत्र के जरिए उन परिवारों तक अपनी संवेदनाएं भेजी हैं.
एपी सिंह ने कहा कि बाबा का नाम एफआईआर में नहीं हैं, एसआईटी में नहीं है, तब इंडिया डेली ने उनसे पूछा कि आखिर बाबा क्यों डर रहे हैं, वे जनता के सामने क्यों नहीं आ रहे हैं, तब एपी सिंह ने जवाब दिया कि समय आने दीजिए, वे सामने जरूर आएंगे.