राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में जमीन खरीदने की होड़ मच गई है. हर संपन्न परिवार से लेकर हर बड़ा नेता और अधिकारी यहां जमीन खरीदने में लगा हुआ है. यूपी आवास विकास परिषद यहां 1800 एकड़ में एक टाउनशिप भी बनाने जा रहा है जिसको लेकर जमीन की खरीद का काम भी शुरू हो चुका है.
इसी बीच अयोध्या को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है. खबर ये है कि अयोध्या में पिछले सात सालों से सर्किल रेट में बदलाव नहीं किया है. सर्किल रेट में बदलाव न किये जाने से अयोध्या वासियों को भारी नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है. सर्किल रेट न बढ़ाए जाने को लेकर यहां के लोगों में भारी नाराजगी देखने को मिल रही है. 2021 में यहां के रहने वाले एक शख्स ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में अयोध्या के सर्किल रेट बढ़ाए जाने को लेकर याचिका दायर की थी, जिस पर यूपी सरकार ने कहा था कि अयोध्या के सर्किल रेट बाजार के रेट के बराबार थे जिसकी वजह से यहां के सर्किल रेट में कोई बदलाव करना उचित नहीं समझा गया.
बता दें कि जमीन की खरीद फरोख्त के समय में वहां के सर्किल रेट की बड़ी भूमिका होती है. जितने ज्यादा सर्किल रेट उतनी ज्यादा जमीन की कीमत. अब पिछले 7 सालों में सर्किल रेट में कोई बदलाव ना होने से अयोध्यावासियों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
हालांकि सच्चाई तो ये भी है कि 2017 के बाद से यूपी के 54 जिलों के सर्किल रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया. 2023 में सर्किल रेट बढ़ाने को लेकर समीक्षा बैठक हुई थी लेकिन सरकार की तरफ से इसको मंजूरी नहीं मिली.
यूपी की अगर बात की जाए तो यूपी में भूमि अधिग्रहण के दौरान ग्रामीण इलाकों में सर्किल रेट का चार गुना और शहरी क्षेत्रों में सर्किल रेट का दोगुना मुआवजा मिलता है. अयोध्या में सर्किल रेट क्यों नहीं बढ़ाया गया. क्या इसके पीछे वहां जमीन खरीदने वाले नेताओं और सरकार के बड़े अधिकारियों को फायदा पहुंचाना था. आइए जानते हैं पूरी सच्चाई...
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