बैंक अकाउंट बंद कराने की सोच रहे हैं, कर लें ये फॉर्मेलिटी पूरी वरना देने पड़ सकते हैं एक्स्ट्रा चार्ज
अगर आप भी अपना बैंक अकाउंट बंद कराने की सोच रहे हैं, तो उससे पहले कुछ महत्वपूर्ण जानकारी समझना बेहद जरूरी है. थोड़ी सी लापरवाही आपको अतिरिक्त शुल्क या परेशानी में डाल सकती है.
आज के समय में लगभग हर व्यक्ति का अपना बैंक खाता होता है. छोटे कस्बों से लेकर बड़े शहरों तक, ज्यादातर लोग बैंकिंग सेवाओं से जुड़े हुए हैं. हालांकि कई बार कुछ निजी कारणों, असुविधा या फिर बैंक की सेवाओं से असंतोष के कारण लोग अपना बैंक अकाउंट बंद कराने का फैसला लेते हैं. अगर आप भी अपना बैंक अकाउंट बंद कराने की सोच रहे हैं, तो उससे पहले कुछ महत्वपूर्ण जानकारी समझना बेहद जरूरी है. थोड़ी-सी लापरवाही आपको अतिरिक्त शुल्क या परेशानी में डाल सकती है.
पेंडिंग चार्ज वसूला जा सकता है
सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि लगभग सभी बैंक अपने ग्राहकों के लिए एक मिनिमम बैलेंस रखने का नियम तय करते हैं. इसका मतलब है कि खाते में बैंक द्वारा तय की गई न्यूनतम राशि हमेशा बनी रहनी चाहिए. अगर आप अकाउंट बंद कराने जा रहे हैं और आपके अकाउंट में यह न्यूनतम बैलेंस नहीं है, तो बैंक क्लोजर के समय आपसे पेंडिंग चार्ज वसूल सकता है. इसलिए अकाउंट बंद कराने से पहले जांच लें कि कोई न्यूनतम बैलेंस पेनल्टी तो नहीं लगी है.
लिखित रूप में ले जानकारी
इसके अलावा कई बैंक अकाउंट बंद करते समय डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से जुड़े शुल्क भी काटते हैं. उदाहरण के तौर पर कुछ बैंकों में सालाना कार्ड शुल्क, ओवरड्राफ्ट से जुड़ी फीस या मेंटेनेंस चार्ज क्लोजर के समय लिया जा सकता है. इसलिए बेहतर है कि पहले ही बैंक से यह जानकारी लिखित रूप में ले लें कि आपको कौन-कौन से चार्ज देने पड़ सकते हैं.
ऑटो डेबिट तुरंत बंद करें
एक और जरूरी बात यह है कि अगर आपके खाते से किसी तरह के ऑटो-डेबिट जैसे- बिजली बिल, गैस कनेक्शन, EMI, इंश्योरेंस प्रीमियम या OTT सब्सक्रिप्शन जुड़ा हुआ है, तो उसे तुरंत बंद कर दें. यदि ऐसा नहीं किया गया, तो आपके अकाउंट बंद होने के बाद भी भुगतान असफल होंगे और आपको अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है.
बैंक अकाउंट बंद करने से पहले क्या करें?
1. सभी ऑटो-डेबिट और ECS भुगतान को बंद करें. ऐसा करने से आगे आने वाली सभी परेशानी से बचाव होगा.
2. क्लोजर से पहले बैंक से पेंडिंग चार्ज की जानकारी लें. लिखित में क्लोजर फीस, कार्ड चार्ज और अन्य देनदारियों के बारे में पूछें.
3. नेगेटिव बैलेंस हो, तो उसे क्लीयर करें. अगर खाते में कोई बकाया या जुर्माना है, तो उसे पहले ही निपटा दें.
4. खाते की सारी राशि निकाल लें या किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर कर दें. इससे पैसे फंसने या बाद में दिक्कत आने की संभावना खत्म हो जाती है.