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India Daily

सीजफायर के बाद भी इजराइली हमले में मारे गए 350 से ज्यादा लोग! गाजा में मरने वालों की संख्या पहुंची 70,000 के पार

गाजा में मरने वालों की संख्या 70,000 के पार पहुंच गई है जबकि सीजफायर लागू होने के बाद भी 352 लोग मारे गए हैं. इजरायल सीजफायर उल्लंघन से इनकार कर रहा है.

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Edited By: Km Jaya
Gaza Death Toll India daily
Courtesy: @PalestineChron x account

नई दिल्ली: गाजा में मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है और अब यह 70,000 के पार पहुंच गया है. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को जानकारी दी कि 2023 में शुरू हुए युद्ध के बाद से कुल मौतों की संख्या 70,100 तक पहुंच चुकी है. यह आंकड़ा उस सीजफायर के बाद भी बढ़ रहा है जो 10 अक्टूबर को लागू हुआ था. ताजा हमले में दक्षिणी गाजा के एक अस्पताल ने दो फिलिस्तीनी बच्चों की मौत की पुष्टि की है. 

अस्पताल कर्मियों के अनुसार दोनों बच्चे, जिनकी उम्र 8 और 11 वर्ष थी, बेनी सुहेला कस्बे में एक स्कूल के पास हुए ड्रोन हमले का शिकार बने. गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सीजफायर लागू होने के बाद से भी कम से कम 352 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं. मंत्रालय का कहना है कि हमला रोकने का वादा करने के बावजूद इजरायल की कार्रवाई जारी है और नागरिकों की जान जा रही है. 

इजरायल ने इस पर क्या कहा?

दूसरी ओर इजरायल ने इस बात से इनकार किया है कि उसने युद्धविराम का उल्लंघन किया है. इजरायल का दावा है कि उसकी सेना केवल उन संदिग्धों को निशाना बना रही है जो सीजफायर का उल्लंघन कर सीमा पार कर सैनिकों के करीब पहुंचते हैं. हालांकि इजरायल ने अपनी बयानबाजी में बच्चों का कोई उल्लेख नहीं किया. सेना ने एक और घटना में एक अन्य संदिग्ध को मारने का दावा किया है.

कब शुरु हुआ था यह युद्ध?

यह युद्ध 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ था जब हमास ने दक्षिणी इजरायल पर हमला किया जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए और करीब 250 लोगों को बंधक बना लिया गया. बाद में अधिकांश बंधकों या उनके अवशेषों को सीजफायर और बातचीत के जरिए इजरायल को लौटा दिया गया. युद्ध शुरू होने के बाद से लगातार हमलों, भुखमरी, दवाइयों की कमी और सुरक्षा संकट ने गाजा के नागरिकों को गहराई से प्रभावित किया है.

हमास ने क्या कहा?

हमास ने शनिवार को फिर बिचौलियों से कहा कि अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थ इजरायल पर दबाव बनाएं ताकि  सीजफायर उल्लंघन पूरी तरह रोका जा सके. गाजा में मानवीय संकट लगातार बिगड़ता जा रहा है और संयुक्त राष्ट्र सहित कई संस्थाएं क्षेत्र में तत्काल शांति और राहत की मांग कर रही हैं.