Rules To Change From 1 April: 1 अप्रैल यानी आज से नए वित्त वर्ष 2024-25 की शुरुआत होने जा रही है. हर बार की तरह इस बार भी 1 अप्रैल से कई बड़े बदलाव होने जा रहे हैं, जिनका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा. इन बदलावों की आपको जानकारी होना जरूरी है. आइए जानते हैं 1 अप्रैल से होने जा रहे बदलावों के बारे में...
नई कर व्यवस्था (New tax regime)
नए टैक्स सिस्टम में इनकम टैक्स स्लैब में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कोई बदलाव नहीं होगा. अंतरिम बजट में किसी बदलाव की घोषणा नहीं की गई है. नई योजना के तहत सालाना 7 लाख रुपए कमाने वाले को टैक्स नहीं देना होगा.
NPS: टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन
PFRDA 1 अप्रैल से राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम (National Pension System) के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय अपनाएगा.
CRA सिस्टम को लॉग इन करने के लिए अब से 2-फैक्टर आधार बेस्ड ऑथेंटिकेशन सिस्टम लागू किया जाएगा. अभी केवल यूजर ID और पासवर्ड से ही CRA सिस्टम को एक्सेस किया जा सकता है लेकिन अब से आधार कार्ड की डिटेल भी भरनी होगी.
फास्टैग को लेकर नए नियम (FASTag)
1 अप्रैल से अगर आपने अपनी कार के FASTag की KYC बैंक में अपडेट नहीं कराई है तो आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. केवाईसी अपडेट कराने की अंतिम तारीख 31 मार्च थी. बिना केवाईसी अपडेट किये आप फास्टैग का भुगतान नहीं कर पाएंगे जिससे आपको दोगुना टोल टैक्स देना होगा.
क्रेडिट कार्ड में बदलाव
SBI कार्ड ने अपने क्रेडिट कार्ड की रिवॉर्ड पॉइंट्स जारी किए जाने की पॉलिसी में बदलाव किया है. 1 अप्रैल से रेंटल पेमेंट्स के लिए कोई रिवॉर्ड पॉइंट नहीं मिलेगा. AURUM, SBI Card Elite, SimplyCLICK SBI Card और अन्य कार्ड धारकों पर इसका असर पड़ेगा.
इसके अलावा ICICI बैंक ने भी निशुल्क हवाई अड्डे के लाउंज के उपयोग के लिए क्रेडिट कार्ड से न्यूनतम खर्च की लिमिट को बढ़ाकर 35,000 कर दिया है. ये बदलाव सभी ICICI बैंक के क्रेडिट कार्ड पर लागू होगा.
इसके अलावा येस बैंक भी 1 अप्रैल से घरेलू ग्राहकों के लिए लाउंज उपयोग के लाभों को अपडेट करने जा रहा है. येश बैंक के कार्ड होल्डर्स को लाउंज का उपयोग करने के लिए एक तिमाही में कम से कम 10 हजार रुपए खर्च करने होंगे.
डेबिट कार्ड्स
एसबीआई ने 1 अप्रैल से कुछ डेबिट कार्ड्स के सालाना मेंटेनेंस चार्ज को 75 रुपए और बढ़ा दिया है.
ई-इंश्योरेंस हुआ जरूरी
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण के आदेशानुसार, 1 अप्रैल 2014 से बीमा पॉलिसियों को डिजिटल बनवाना अनिवार्य होगा. निर्देश के तहत सभी बीमा पॉलिसियां इलेक्ट्रॉनिक रूप से जारी की जाएंगी.