मिट्टी में कीटनाशकों और अन्य विषैले प्रदूषकों का जमाव कृषि उद्योग के लिए एक गंभीर समस्या बन चुका है. इन प्रदूषकों के कारण न केवल बीजों के अंकुरण में समस्या होती है, बल्कि यह पौधों की वृद्धि और उपज को भी प्रभावित करते हैं. इसके अलावा, ये प्रदूषक पौधों के बीज और बायोमास में जमा हो सकते हैं, जो दीर्घकालिक प्रभाव डालते हैं. इन समस्याओं को हल करने के लिए, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई (IIT बॉम्बे) के शोधकर्ताओं ने ऐसे बैक्टीरिया की पहचान की है, जो मिट्टी से कीटनाशकों और प्रदूषकों को साफ करके फसल की पैदावार बढ़ा सकते हैं.
बैक्टीरिया से प्रदूषकों का सफाया
IIT बॉम्बे के बायोसाइंसेज और बायोइंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर प्रशांत फाले के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने उन बैक्टीरिया की पहचान की जो मिट्टी से विषाक्त पदार्थों को खपत करते हैं और उन्हें हानिरहित पदार्थों में बदलते हैं. यह प्रक्रिया पर्यावरण को स्वच्छ करने के साथ-साथ मिट्टी में आवश्यक पोषक तत्वों को भी उपलब्ध कराती है. इन बैक्टीरिया का प्रमुख योगदान यह है कि वे मिट्टी में मौजूद जटिल और अविलंबित रूपों में पाए जाने वाले पोषक तत्वों जैसे फास्फोरस और पोटैशियम को पौधों के लिए घुलनशील रूप में बदल देते हैं. इसके साथ ही ये बैक्टीरिया पौधों को आयरन की अवशोषण में मदद करने वाले साइडेरोफोर नामक पदार्थ का उत्पादन करते हैं.
IITB researchers led by Prof. Prashant Phale from the Department of Biosciences and Bioengineering have identified bacteria that can consume toxic pollutants in the soil and produce helpful nutrients as a byproduct.https://t.co/QsxGL95KOg pic.twitter.com/Vqninp41Og
— IIT Bombay (@iitbombay) January 2, 2025Also Read
पौधों की वृद्धि में मदद
ये बैक्टीरिया केवल प्रदूषकों को तो साफ नहीं करते, बल्कि पौधों की वृद्धि को भी उत्तेजित करते हैं. इनमें इन्डोलएसीटिक एसिड (IAA) जैसे वृद्धि हार्मोन का उच्च स्तर होता है, जो पौधों को स्वस्थ और मजबूत बनाने में मदद करता है. शोधकर्ताओं ने पाया कि जब प्सीडोमोनस और ऐसिनेटोबैक्टर प्रजातियों के बैक्टीरिया का मिश्रण प्रयोग किया गया, तो यह गेहूं, मूंग दाल, पालक और मेथी जैसी फसलों की वृद्धि और उपज को 45-50% तक बढ़ा देता है.
प्रोफेसर फाले का कहना है, “कुछ बैक्टीरिया प्रदूषकों को बेहतर तरीके से तोड़ते हैं, जबकि अन्य पौधों की वृद्धि में मदद करते हैं या रोगों से बचाव करते हैं. इन बैक्टीरिया को मिलाकर एक ऐसा टीम तैयार किया गया है जो विभिन्न कार्यों को एक साथ और अधिक प्रभावी तरीके से करती है.”
जैविक कीटाणु नाशकों का समाधान
इस अध्ययन में यह भी पता चला है कि ये बैक्टीरिया फंगल रोगों के खिलाफ भी एक प्राकृतिक रक्षा प्रणाली के रूप में कार्य कर सकते हैं. विशेष रूप से, ये बैक्टीरिया लिटिक एंजाइम्स और हाइड्रोजन साइनाइड (HCN) जैसे पदार्थों का उत्पादन करते हैं, जो पौधों के लिए हानिकारक फंगल संक्रमणों को मार सकते हैं या उनकी वृद्धि को रोक सकते हैं. इस प्रकार, ये बैक्टीरिया एक पर्यावरण-friendly विकल्प प्रदान करते हैं जो रासायनिक कीटनाशकों के मुकाबले सुरक्षित और प्रभावी होते हैं.
भविष्य की संभावनाएं
हालांकि इस शोध के परिणामों में वास्तविक दुनिया में उपयोग की अत्यधिक संभावनाएं हैं, शोधकर्ताओं का मानना है कि इसे व्यापक स्तर पर अपनाने में समय लगेगा. तकनीक को बड़े पैमाने पर परीक्षण और व्यावसायिक उत्पादों के रूप में उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता है. इसके अलावा, शोधकर्ता यह भी परीक्षण करना चाहते हैं कि ये बैक्टीरिया पौधों को सूखे और अन्य पर्यावरणीय तनाव की स्थितियों में कैसे मदद कर सकते हैं. भविष्य में, वे बायो-फॉर्मुलेशन नामक आसान-से-प्रयोग उत्पादों का निर्माण करने की योजना बना रहे हैं, जो इन बैक्टीरिया को प्राकृतिक सामग्री के साथ मिलाकर एक लंबे समय तक चलने वाले समाधान के रूप में कृषि क्षेत्रों में लागू किया जा सके.