RBI: बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया. इसका मतलब रेपो रेट 6.5 फीसदी पर ही बना रहेगा. तीन दिवसीय मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों का रिजर्व बैंक के गवर्नर शशिकांत दास ने एलान किया.
गवर्नर शक्तिकांत दास आज (8 दिसंबर, शुक्रवार) को मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान किया. मौद्रिक समीक्षा बैठक में शामिल 6 में से 5 सदस्यों ने ब्याज दरों में बदलाव न करने के फैसले के पक्ष में रहे. गवर्नर ने बताया कि नवंबर में PMI बढ़ा है. GST कलेक्शन में भी ग्रोथ देखने को मिली है.
यह लगातार पांचवीं बार है जब आरबीआई की ओर से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया. रेपो रेट में कुछ बदलाव न होने की वजह से पर्सनल लोन, कार लोन या दूसरे तरह के लोन सस्ते नहीं होंगे. इससे पहले फरवरी में रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 किया था. इसके बाद से ही इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया.
#WATCH | RBI Governor Shaktikanta Das says, "...The Monetary Policy Committee decided unanimously to keep the policy repo rate unchanged at 6.5%. Consequently, the Standing Deposit Facility rate remains at 6.25% and the Marginal Standing Facility rate and the Bank Rate at 6.75%." pic.twitter.com/yQSppS7IzJ
— ANI (@ANI) December 8, 2023
गवर्नर शक्तिकांत दास ने मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान करते हुए कहा, रेपो रेट में किसी भी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है. दूसरी तिमाही में उम्मीद से बेहतर GDP के आंकड़े , महंगाई दर में नरमी को देखते हुए RBI ने रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है. भारतीय रिजर्व बैंक की निगाहें महंगाई पर बनी हुई है. आने वाले दिनों में ब्याज दरों में बदलाव किए जा सकते हैं.
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी तक रह सकती है. तीसरे तिमाही में 6.5 प्रतिशत, चौथे तिमाही में 6 फीसदी तक रह सकती है.
महंगाई दर को अचीव करने के लिए आरबीआई प्रयासरत है. गवर्नर दास ने बताया कि महंगाई दर को 4 फीसदी तक ले जाने का लक्ष्य है.
आपने ये तो जान लिया कि रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया लेकिन ये रेपो रेट क्या होता? क्या आपको पता है? आइए जानते हैं. दरअसल, जैसे आप बैंक से किसी भी प्रकार का लोन लेते हैं तो आपको ब्याज देना पड़ता है. अलग-अलग लोन पर अलग-अलग प्रकार की ब्याज दर निर्धारित की जाती है. जिस प्रकार हम बैंक से लोन लेते हैं ठीक उसी प्रकार बैंक अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से लोन लेते हैं. आरबीआई लोन के बदले बैंकों से ब्याज लेता है. अगर बैंकों को आरबीआई से सस्ती दरों में लोन मिलेगा तो बैंक ग्राहकों को भी सस्ती दरों में लोन मुहैया कराएंगे.