नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 नवंबर, 2025 को प्रमुख पीएम-किसान योजना की 21वीं किस्त जारी करेंगे. 24 फरवरी, 2019 को अपनी शुरुआत के बाद से, इस केंद्रीय क्षेत्र के कार्यक्रम ने पात्र किसान परिवारों को तीन किस्तों में 6,000 रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता प्रदान की है. अब तक 11 करोड़ से ज़्यादा किसान परिवार लाभान्वित हो चुके हैं, और 20 किस्तों के माध्यम से कुल राशि 3.70 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है.
यह योजना किसानों को सशक्त बनाने, उन्हें कृषि इनपुट खरीदने और शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और विवाह जैसे अन्य आवश्यक खर्चों को पूरा करने में मदद करने में सहायक रही है. अंतर्राष्ट्रीय खाद्य एवं नीति अनुसंधान संस्थान द्वारा 2019 में किए गए एक अध्ययन में ग्रामीण आर्थिक विकास, ऋण उपलब्धता और कृषि निवेश पर इस योजना के सकारात्मक प्रभाव पर प्रकाश डाला गया है.
सरकार ने सभी पात्र किसानों के लिए परेशानी मुक्त पहुंच और अंतिम छोर तक कवरेज सुनिश्चित करने के लिए तकनीक का लाभ उठाया है. इसकी प्रमुख विशेषताओं में ओटीपी, बायोमेट्रिक या चेहरे के प्रमाणीकरण के माध्यम से आधार-आधारित ई-केवाईसी शामिल है, जिससे किसान घर बैठे आसानी से सत्यापन पूरा कर सकते हैं.
पीएम-किसान की 21वीं किस्त का हस्तांतरण दिनांक-19 नवंबर 2025 कृपया लिंक पर क्लिक करें और अभी रजिस्टर करें। https://t.co/FZC9A899rx
PM-Kisan’s 21st installment will be released on 19th November 2025. Please click the link and register now. 📷https://t.co/FZC9A899rx #AgriGoI pic.twitter.com/DdHR2sJopu— PM Kisan Samman Nidhi (@pmkisanofficial) November 14, 2025Also Read
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पीएम-किसान मोबाइल ऐप और अपडेटेड पोर्टल किसानों को अपनी भुगतान स्थिति की जांच करने, स्व-पंजीकरण करने और अन्य किसानों को ई-केवाईसी पूरा करने में सहायता करने के लिए उपकरण प्रदान करते हैं.
इसके अतिरिक्त, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) लाभ प्राप्ति को सुगम बनाने के लिए घर-घर आधार-लिंक्ड बैंक खाता खोलने की सुविधा प्रदान करता है. बहुभाषी एआई-संचालित किसान-ई-मित्र चैटबॉट शिकायतों का समाधान करता है और 11 प्रमुख क्षेत्रीय भाषाओं में 24/7 सहायता प्रदान करता है, जिससे किसानों के लिए तकनीकी और भाषाई बाधाएं दूर होती हैं.
विशेष ग्राम-स्तरीय संतृप्ति अभियान, योग्य कृषि योग्य भूमि के स्वामी किसानों की पहचान और नामांकन के लिए जारी है, जबकि हाल ही में शुरू की गई किसान रजिस्ट्री का उद्देश्य प्रक्रियागत बाधाओं को दूर करके सामाजिक कल्याण तक पहुंच को सरल बनाना है.
इन संयुक्त प्रयासों के माध्यम से, पीएम-किसान दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे समावेशी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजनाओं में से एक बनी हुई है, जो भारत की कृषि रीढ़ को मजबूत करने और किसानों की आजीविका में सुधार करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है.
सरकार ने सभी पात्र किसानों के लिए पीएम-किसान योजना के लाभों तक सुगम और सरल पहुंच सुनिश्चित करने हेतु उन्नत तकनीक अपनाई है. उन्नत आधार-आधारित ई-केवाईसी प्रक्रिया, किसानों को ओटीपी, बायोमेट्रिक स्कैनिंग या चेहरे की पहचान जैसी विधियों का उपयोग करके घर बैठे आसानी से अपनी पहचान सत्यापित करने की सुविधा प्रदान करती है.
इसके अतिरिक्त, पीएम-किसान मोबाइल ऐप और उन्नत पोर्टल किसानों को अपनी भुगतान स्थिति की निगरानी करने, स्व-पंजीकरण पूरा करने और ई-केवाईसी सत्यापन में दूसरों की सहायता करने के लिए उपकरण प्रदान करते हैं, जिससे एक समावेशी और परेशानी मुक्त अनुभव सुनिश्चित होता है.