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Avg wholesale price of onions decrease: सस्ती हो गई प्याज, थोक बाजार में 150 प्रति क्विंटल तक गिरे दाम

Onion Prices: इससे पहले सरकार द्वारा प्याज के निर्यात पर बैन हटाने की खबरों के बाद 19  फरवरी को देश की सबसे बड़ी थोक प्याज मंडी लासलगांव में प्याज की कीमतें 40.92 प्रतिशत बढ़कर 1800 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गई थीं

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Edited By: India Daily Live
Onion Prices

Onion Prices Fall: सरकार की इस घोषणा के बाद कि प्याज के निर्यात पर 31 मार्च तक बैन रहेगा, महाराष्ट्र के नासिक जिले की लासलगांव मंडी में मंगलवार को प्याज की कीमतों में 150 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट देखी गई. इससे पहले सरकार द्वारा प्याज के निर्यात पर बैन हटाने की खबरों के बाद 19  फरवरी को देश की सबसे बड़ी थोक प्याज मंडी लासलगांव में प्याज की कीमतें 40.92 प्रतिशत बढ़कर 1800 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गई थीं जो 17 फरवरी को  1280 रुपए प्रति क्विंटल थीं. हालांकि, मंगलवार को प्याज की कीमतें 150 रुपये प्रति क्विंटल तक घट गईं, जिसके बाद प्याज औसतन 1650 रुपए प्रति क्विंटल बिका और करीब 8500 क्विंटल प्याज की नीलामी हुई.

लासलगांव एपीएमसी के अध्यक्ष बालासाहेब क्षीरसागर ने बताया कि पिछले हफ्ते कीमतें थोड़ी बढ़ गी थीं लेकिन प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने के बारे में कोई सरकारी प्रस्ताव या घोषणा नहीं होने पर ये स्थिर हो गईं.

'प्याज निर्यात पर नहीं हटाया गया प्रतिबंध'

इससे एक दिन पहले उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया था कि प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध नहीं हटाया गया है और यथास्थिति बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता घरेलू उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर प्याज मुहैया कराना है.

आम चुनाव तक प्रतिबंध हटने की संभावना नहीं- सूत्र

सूत्रों का कहना है कि 31 मार्च के बाद भी आम चुनाव से पहले निर्यात पर प्रतिबंध हटने की संभावना नहीं है, क्योंकि मुख्य रूप से महाराष्ट्र में रकबा कम होने के कारण सर्दियों में रबी प्याज के उत्पादन में कमी रहने की संभावना है.

रबी सत्र में प्याज का उत्पादन कम होने की संभावना

2023 के रबी सत्र में प्याज का उत्पादन 22.7 मिलिटन टन होने का अनुमान लगाया गया था. कृषि मंत्रालय के अधिकारी आने वाले दिनों में प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों जैसे महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात में रबी सीजन में प्याज के रकबे का आकलन करेंगे. इस बीच अंतर-मंत्रालयी समूह द्वारा केस-टू-केस आधार पर मित्र देशों को प्याज का निर्यात करने की अनुमति दी गई है.

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