Income Tax News: अगर आप इनकम टैक्स भरते हैं तो आपको AIS यानी (Annual Information Statement) के बारे में जरूरी पता होगा. एआईएस में आयकर दाता के एक वित्त वर्ष के पूरे लेनदेन का ब्योरा होता है. इसके अलावा इसमें आयकर अधिनियम, 1961 के तहत सभी जरूरी जानकारियां होती है. इसमें एक वित्त वर्ष में टैक्सपेयर के खाते में हुए लेनदेन, जैसे डिविडेंड शेयरों से जुड़ा लेन देन, कहां से कितना पैसा आया ये सभी जानकारियां होती हैं. अगर आपके एआईएस में कोई गलत जानकारी दर्ज है तो आप इनकम टैक्स दाखिल करते वक्त परेशानी में फंस सकते हैं और लास्ट मौके पर गलत जानकारी को ठीक करवाना एक झंझट भरा काम रहता है.
हर तिमाही पर चेक करें AIS
इस परेशानी से बचने के लिए टैक्सपेयर को हर तिमाही पर एआईएस में दी गई जानकारी को चेक करते रहना चाहिए, ताकि समय रहते किसी भी गलती को ठीक कराया जा सके. एआईएस, फॉर्म 26AS में दी गई जानकारियों का विस्तृत विवरण होता है.
फॉर्म 26AS और AIS में अंतर
फॉर्म 26AS में एक वित्त वर्ष में की गई प्रॉपर्टी की खरीद, हाई-वैल्यू इन्वेस्टमेंट्स (बड़े निवेश), टीडीएस/टीसीएस के लेनदेने का विवरण रहता है, जबकि एआईएस में इनके अलावा ब्याज, डिविडेंड, संपत्ति की खरीद-बिक्री, विदेश से पैसे का लेन-देन, जमा किये गए पैसे पर ब्याज और जीएसटी पर कितना टर्नओवर मिला इन सब क्या ब्योरा भी रहता है. इसके अलावा एआईएस करदाता को रिपोर्ट किए गए लेनदेन पर फीडबैक देने का भी विकल्प देता है.
ऐसे चेक करें अपना AIS
एआईएस चेक करने के लिए सबसे पहले आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाएं और लॉग-इन करें. इसके बाद ई फाइलिंग पोर्टल पर सर्विसेज टैब में एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट दिखाई देगा. इस पर क्लिक करें. जिस वित्त का एआईएस देखना है उस वर्ष को सलेक्ट करें. इसके बाद एआईएस रिपोर्ट आपके सामने आ जाएगी. आप इसे डाउनलोड भी कर सकते हैं.
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