menu-icon
India Daily

दिवाली सेल में क्रेडिट कार्ड की गलती पड़ सकती है भारी, जानिए कैसे ऑफर बन सकते हैं जी का जंजाल

Diwali 2025 Credit Card Offers: अधिकांश ग्राहक मानते हैं कि ‘जीरों-कॉस्ट ईएमआई’ का मतलब बिना ब्याज के भुगतान है, लेकिन वास्तविकता कुछ और होती है. कई बार उत्पाद की कीमत पहले से बढ़ा दी जाती है या प्रोसेसिंग शुल्क जोड़ दिया जाता है. इस तरह ईएमआई योजनाएं वास्तव में मुफ्त नहीं होतीं.

Diwali 2025 Credit Card Offers
Courtesy: Credit: AI

Diwali 2025 Credit Card Offers: दिवाली 2025 नजदीक आते ही बैंक, ब्रांड और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए क्रेडिट कार्ड पर ढेरों ऑफर दे रहे हैं. कैशबैक, डिस्काउंट, जीरों-कॉस्ट ईएमआई और फ्लैश सेल जैसी योजनाएं इतनी लुभावनी हैं कि कोई भी ग्राहक इन्हें ठुकराना मुश्किल समझता है.

लेकिन वित्तीय विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि अगर क्रेडिट कार्ड का उपयोग सावधानी से नहीं किया गया, तो यह त्योहारी खरीदारी आपकी जेब पर भारी पड़ सकती है और लंबे समय तक आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक असर डाल सकती है.

जीरों-कॉस्ट ईएमआई का सच

अधिकांश ग्राहक मानते हैं कि ‘जीरों-कॉस्ट ईएमआई’ का मतलब बिना ब्याज के भुगतान है, लेकिन वास्तविकता कुछ और होती है. कई बार उत्पाद की कीमत पहले से बढ़ा दी जाती है या प्रोसेसिंग शुल्क जोड़ दिया जाता है. इस तरह ईएमआई योजनाएं वास्तव में मुफ्त नहीं होतीं. अगर किसी माह भुगतान चूक जाता है, तो यह योजना और भी महंगी पड़ सकती है. इसलिए किसी भी ऑफर को चुनने से पहले उत्पाद का मूल मूल्य और सभी शुल्क अवश्य जांचें.

लेट पेमेंट का असर

अगर आपने भुगतान समय पर नहीं किया तो बैंक 30% से 45% तक वार्षिक ब्याज वसूल सकते हैं, साथ ही लेट फीस भी लगती है. इतना ही नहीं, यह डिफॉल्ट आपकी क्रेडिट रिपोर्ट पर सालों तक बना रह सकता है और भविष्य में लोन स्वीकृति में बाधा बन सकता है. केवल न्यूनतम राशि का भुगतान करना भी ब्याज का बोझ बढ़ाता है. इसलिए हर महीने पूरा बिल चुकाना सबसे सुरक्षित तरीका है.

सीमा से अधिक खर्च से बचें

त्योहारी उत्साह में कई लोग अपनी क्रेडिट लिमिट का लगभग पूरा उपयोग कर लेते हैं. लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, अपने कुल लिमिट का 40% से अधिक खर्च करना आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंचा सकता है. अगर बड़ी खरीदारी करनी हो, तो भुगतान को अलग-अलग कार्डों में बांटे या कुछ हिस्सा डेबिट कार्ड या यूपीआई से चुकाएं. इससे वित्तीय संतुलन बना रहेगा.

फर्जी डिस्काउंट से सावधान रहें

दिवाली सेल के दौरान कई विक्रेता पहले कीमतें बढ़ाकर फिर भारी छूट दिखाते हैं. ऐसे “बिग डिस्काउंट” कई बार भ्रम पैदा करते हैं. इसलिए खरीदारी से पहले अलग-अलग वेबसाइटों और ऑफलाइन स्टोर्स पर कीमतों की तुलना करना समझदारी है.

क्रेडिट कार्ड से नकद निकासी करने पर ब्याज उसी दिन से लगना शुरू हो जाता है और बैंक लगभग 3% ट्रांजैक्शन शुल्क भी जोड़ते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा कदम केवल आपात स्थिति में ही उठाना चाहिए, त्योहारों में नहीं.

त्योहारी खरीदारी में संयम और जागरूकता अपनाना ही सबसे बेहतर तरीका है. थोड़ी सतर्कता आपको कर्ज के जाल से बचा सकती है और दिवाली की खुशियों को सच्चे अर्थों में उजाला बना सकती है.