नई दिल्ली: दिल्ली की हवा एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है. कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार दर्ज किया गया, जिससे सांस लेना तक मुश्किल हो गया है. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने GRAP स्टेज-IV के तहत सख्त पाबंदियां लागू कर दी हैं. इसका सीधा असर शहर में चलने वाले वाहनों पर पड़ा है.
नए नियमों के तहत अब दिल्ली में केवल BS-VI उत्सर्जन मानक वाले वाहन ही प्रवेश कर सकेंगे. पुराने और ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. सरकार का मानना है कि वाहनों से निकलने वाले जहरीले धुएं को नियंत्रित किए बिना AQI में सुधार संभव नहीं है.
BS4 यानी भारत स्टेज-4, भारत सरकार द्वारा लागू किया गया एक उत्सर्जन मानक है, जिसका मकसद वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण को एक तय सीमा में रखना था. इस मानक के तहत गाड़ियों से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और अन्य हानिकारक गैसों पर नियंत्रण तय किया गया. BS4 अपने समय में प्रदूषण कम करने की दिशा में अहम कदम था, लेकिन बढ़ते ट्रैफिक और प्रदूषण के स्तर को देखते हुए इसे पर्याप्त नहीं माना गया.
BS6 यानी भारत स्टेज-6, पहले के मानकों की तुलना में कहीं अधिक सख्त उत्सर्जन नियमों पर आधारित है. 1 अप्रैल 2020 से देश में केवल BS6 मानक वाले वाहनों की बिक्री और पंजीकरण की अनुमति दी गई. इस मानक के तहत वाहनों से निकलने वाली हानिकारक गैसों की मात्रा काफी कम कर दी गई है, जिससे हवा की गुणवत्ता बेहतर होती है और सांस से जुड़ी बीमारियों का खतरा घटता है.
GRAP स्टेज-IV लागू होते ही दिल्ली में सबसे कड़े प्रतिबंध प्रभावी हो गए हैं. BS-IV, BS-III और उससे पुराने मानक वाले वाहनों के शहर में प्रवेश पर पूर्ण रोक है. यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि प्रदूषण का स्तर स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है और तुरंत सख्ती जरूरी हो गई थी.
BS-VI मानक का मकसद गाड़ियों से निकलने वाले जहरीले धुएं को कम करना है. इन वाहनों में आधुनिक तकनीक होती है, जिससे कार्बन और नाइट्रोजन जैसे प्रदूषक काफी कम निकलते हैं. इससे हवा की गुणवत्ता बेहतर रहती है और फेफड़ों, दिल और आंखों पर पड़ने वाला बुरा असर घटता है.
अपने वाहन का उत्सर्जन मानक जानने के लिए सबसे आसान तरीका RC देखना है. रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में ‘Emission Norms’ या ‘Bharat Stage’ कॉलम दिया होता है. अगर वहां BS-VI लिखा है, तो आपका वाहन नियमों के तहत मान्य है और दिल्ली में चल सकता है.
अगर RC उपलब्ध न हो, तो ट्रांसपोर्ट विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर भी जानकारी ली जा सकती है. वाहन नंबर डालते ही रजिस्ट्रेशन, ईंधन प्रकार और उत्सर्जन मानक से जुड़ी पूरी जानकारी स्क्रीन पर आ जाती है, जिससे भ्रम की स्थिति नहीं रहती.
अधिकांश BS-VI वाहनों पर निर्माता कंपनी की तरफ से लेबल लगाया जाता है. यह लेबल इंजन के पास या ड्राइवर साइड के दरवाजे के फ्रेम पर होता है. आमतौर पर 1 अप्रैल 2020 के बाद रजिस्टर्ड वाहन BS-VI मानक के होते हैं.