आयुष्मान कार्ड के नाम पर बढ़ी ऑनलाइन ठगी, तीन गलतियां जो साफ कर सकती हैं आपकी जेब
आयुष्मान कार्ड बनवाने के नाम पर देशभर में ठगी के मामले बढ़ रहे हैं. जालसाज कॉल, मैसेज और सोशल मीडिया के जरिए लोगों से गोपनीय जानकारी लेकर उन्हें निशाना बनाते हैं.
नई दिल्ली: भारत में बड़ी संख्या में ऐसे परिवार हैं, जिन्हें इलाज के लिए सरकारी योजनाओं की जरूरत पड़ती है. इन्हें इसी उद्देश्य से आयुष्मान भारत योजना से मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाती है, जिसके लिए पात्र लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाते हैं.
लेकिन इसी योजना के नाम पर ठगी का जाल भी तेजी से फैल रहा है. लोग कॉल, मैसेज और सोशल मीडिया के जरिए धोखे का शिकार बनाए जा रहे हैं. इसलिए आयुष्मान कार्ड बनवाने की प्रक्रिया को सही तरीके से समझना बेहद महत्वपूर्ण है.
गोपनीय जानकारी मांगना
आयुष्मान कार्ड बनवाने की कोशिश में कई लोग ठगे जा रहे हैं, क्योंकि ठग सरकारी अधिकारियों के नाम पर कॉल करते हैं. वे दावा करते हैं कि व्यक्ति का नाम योजना के लिए चुना गया है और इसके बदले गोपनीय जानकारी मांगते हैं. सरकार की ओर से ऐसा कोई कॉल नहीं किया जाता. इसलिए किसी भी अजनबी कॉल पर अपनी बैंक या व्यक्तिगत जानकारी देना खतरनाक साबित हो सकता है.
मैसेज और अनजान लिंक
मैसेज और अनजान लिंक के जरिए भी धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे हैं. अक्सर संदेश आता है कि आयुष्मान कार्ड अप्रूव हो गया है और उसे डाउनलोड करने के लिए लिंक दिया जाता है. जैसे ही लोग उस लिंक पर क्लिक करते हैं, फोन हैक हो सकता है और उनकी निजी जानकारी जालसाजों के हाथ लग जाती है. ऐसे मैसेज पर भरोसा करना भारी नुकसान दे सकता है.
ठगी का नया माध्यम
सोशल मीडिया को भी ठग ठगी का नया माध्यम बना रहे हैं. कई लोग व्हाट्सएप या अन्य प्लेटफॉर्म पर आयुष्मान कार्ड बनाने का दावा करते हैं. जबकि यह योजना सोशल मीडिया के जरिए संचालित नहीं होती. सरकार ने कई बार स्पष्ट किया है कि किसी भी निजी मैसेज या लिंक के द्वारा आयुष्मान कार्ड नहीं बन सकता.
सही और सुरक्षित तरीका
आयुष्मान कार्ड बनवाने का सही और सुरक्षित तरीका बेहद सरल है. इसके लिए नजदीकी सीएससी सेंटर पर जाकर पात्रता जांच कराई जाती है और वहीं कार्ड भी तैयार किया जाता है. यह प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित और सरकारी निगरानी में होती है.
इसके अलावा, योजना की आधिकारिक वेबसाइट pmjay.gov.in पर जाकर भी आयुष्मान कार्ड बनाया जा सकता है. आयुष्मान भारत की आधिकारिक मोबाइल एप पर भी यह सुविधा उपलब्ध है. किसी अन्य माध्यम या अनधिकृत लिंक से प्रक्रिया करने पर ठगी का खतरा बढ़ जाता है.