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हैकर अलर्ट! घोस्टपेयरिंग स्कैम से बचने के लिए गांठ बांध लें ये जरूरी बातें

अगर आप अपने व्हाट्सऐप अकाउंट को घोस्टपेयरिंग स्कैम से बचाना चाहते हैं, तो यहां दिए गए टिप्स को फॉलो करें.

Shilpa Shrivastava
GhostPairing scam India Daily Live
Courtesy: Freepik

नई दिल्ली: घोस्टपेयरिंग स्कैम एक ऐसी ट्रिक है, जिससे बुरे लोग आपका पासवर्ड या फोन चुराए बि ना चुपसे से आपके व्हाट्सऐप अकाउंट का कंट्रोल ले लेते हैं. यह आसान स्टेप्स में ऐसे काम करता है, जिसमें आपको WhatsApp पर किसी दोस्त से एक मैसेज मिलता है, जिसमें लिखा होता है कि Hi, Check this photo लिखा होता है. इसमें एक पिक्चर प्रीव्यू के साथ एक लिंक होता है.

जब आप लिंक पर क्लिक करते हैं, तो यह आपको एक फेक वेबसाइट पर ले जाता है जो बिल्कुल फेसबुक जैसी दिखती है. वह फेक साइट आपसे फोटो देखने के लिए वेरिफिकेशन करने के लिए कहती है. यह आपको अपना फोन नंबर टाइप करने के लिए कहती है.

कैसे होता है घोस्टपेयरिंग स्कैम:

जैसे ही आप उस साइंट पर जाते हैं तो आपको वेरिफिकेशन के लिए अपना नंबर इस्तेमाल करना होता है. WhatsApp का लिंक ए न्यू डिवाइस प्रोसेस शुरू हो जाता है. फिर WhatsApp एक स्पेशल वन-टाइम कोड भेजता है. जैसे ही आप यह कोड डालते हैं, तो आपका अकाउंट हैक हो जाता है. इसके बाद हैकर्स आपके सभी मैसेजेज पढ़ सकते हैं, चैट देख सकते हैं और आपकी जानकारी के बिना आपका अकाउंट इस्तेमाल कर सकते हैं. 

घोस्टपेयरिंग स्कैम से बचने के टिप्स:

घोस्टपेयरिंग स्कैम से बचने के लिए आपको कुछ टिप्स को फॉलो करना होगा. एडवाइजरी में अकाउंट कॉम्प्रोमाइज या टेकओवर के जोखिम को कम करने के लिए कुछ प्वाइंट्स बताए गए हैं. 

  • ध्यान रखें कि संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें, भले ही वो जाने-पहचाने कॉन्टैक्ट्स से आए हों.

  • WhatsApp या Facebook से जुड़े होने का दावा करने वाली एक्सटर्नल वेबसाइटों पर कभी भी अपना फोन नंबर न डालें.

  • WhatsApp पर लिंक्ड डिवाइस को रेगुलर चेक करते रहें. इसके लिए आपको WhatsApp ओपन करना होगा. इसके बाद सेटिंग्स ओपन करें. फिर लिंक्ड डिवाइस पर जाएं. अगर आपको कोई भी ऐसा डिवाइस दिखता है, जिसे आप नहीं जानते हैं, तो उसे तुरंत लॉग आउट कर दें. 

ऑर्गेनाइजेशन के लिए:

  • सबसे पहले तो आपको सिक्योरिटी अवेयरनेस ट्रेनिंग पर ध्यान देना होगा, जो मैसेजिंग ऐप्स को टारगेट करने वाले हमलों पर फोकस करती है. 

  • जहां पर भी जरूरी लगे, वहां मोबाइल डिवाइस मैनेजमेंट को जरूर इम्प्लीमेंट करें.