Swiggy Mental Harassment: फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी को एक कस्टमर का ऑर्डर कैंसिल करना इतना भारी पड़ गया कि उसे मुआवजा देना पड़ गया. अहमदाबाद की एक उपभोक्ता अदालत ने स्विगी द्वारा ऑर्डर कैंसिल कर दिए जाने की वजह से ग्राहक को हुई मानसिक परेशानी से उबरने के लिए यह मुआवजा देने का आदेश दिया है. यह मामला साल 2022 का बताया जा रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार, अहमदाबाद के भद्रा के रहने वाले प्रसाद कनाडे ने नवंबर 2022 में स्विगी पर मिठाई का ऑर्डर दिया था लेकिन उन्हें कभी ऑर्डर मिला ही नहीं. उन्होंने अपना ऑर्डर मंगाने के लिए 549 रुपये का भुगतान किया लेकिन स्विगी की ओर से उन्हें मात्र 445 रुपये ही रिफंड के रूप में हासिल हुए. ग्राहक का कहना है कि स्विगी ने उसे यह भी नहीं बताया कि उसका ऑर्डर कैंसिल कर दिया गया है.
स्विगी से नाराज होकर प्रसाद कनाडे ने उपभोक्ता अदालत की शरण ली. उन्होंने उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में संबंधित मामले की शिकायत दर्ज कराई. सुनवाई के दौरान स्विगी ने तर्क दिया कि वह रेस्तरां और ग्राहकों को जोड़ने वाला मध्यस्थ है. उसे ऑर्डर कैंसिल करने के दायरे में नहीं रखा जाना चाहिए. सुनवाई के दौरान कंपनी ने यह भी दावा किया कि ऑर्डर खुद उन्होंने ही कैंसिल किया था.
हालांकि कोर्ट ने फैसला कनाडे के पक्ष में सुनाया. कोर्ट ने कहा कि कनाडे ने सेवा प्राप्त करने के लिए स्विगी के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया.इस कारण आप एक सेवा प्रदाता हैं और आपकी जिम्मेदारी बनती है कि आप सुचारु लेन-देन की व्यवस्था को अपनाएं. कोर्ट ने स्विगी से कहा कि वह बचे हुए 104 रुपय 9 प्रतिशत ब्याज के साथ ग्राहक को अदा करे. इसके अलावा कोर्ट ने फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म को आदेश दिया कि कनाडे को इस दौरान हुई मानसिक प्रताड़ना और केस की लागत के रूप में 1000 रुपये का भुगतान भी करे. .
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