Starship Super Heavy Rocket Crashes: स्पेसएक्स ने हाल ही में अपने पावरफुल स्टारशिप सुपर हैवी रॉकेट को 11वीं बार लॉन्च किया है. यह रॉकेट पूरी तरह से रियूजेबल है, जो अंतरिक्ष यात्रा को सस्ता और तेज बनाने का एक हिस्सा है. इसका मतलब है कि एक फ्लाइट के बाद रॉकेट को फेंकने के बजाय, वो उसे एयरप्लेन की तरह दोबारा इस्तेमाल करना चाहते हैं.
यह लॉन्चिंग स्पेसएक्स के टेक्सास स्थित बेस से हुई. उड़ान भरने के तुरंत बाद, मुख्य बूस्टर जिसे सुपर हैवी कहा जाता है, ऊपर वाले स्टारशिप हिस्से से अलग हो गया. इस फेज को हॉट स्टेजिंग कहा जाता है. इस दौरान दोनों हिस्से एक ही समय में कुछ देर के लिए अपने इंजन ऑन करते हैं. जैसे ही सुपर हैवी बूस्टर अलग हुआ, वह मेक्सिको की खाड़ी में गिर गया. धीरे लैंडिंग के बजाय यह पानी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
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इसकी लैंडिंग तो विफल रही लेकिन स्पेसएक्स ने कुछ अहम डाटा इक्ट्ठा किया, जो उन्हें बेहतर बनाने में मदद करेगा. उन्होंने एक नई लैंडिंग प्रोसेस की टेस्टिंग की, जिसमें रॉकेट ने पहले स्पीड कम करने के लिए 13 इंजनों का इस्तेमाल किया, फिर 5 पर स्विच किया और आखिरी में स्पलैशडाउन से पहले केवल 3 इंजनों पर रहा. यह टेस्टिंग स्पेसएक्स को यह समझने में मदद करता है कि भविष्य की लैंडिंग के लिए क्या कारगर है और क्या सुधार की आवश्यकता है.
Super Heavy has splashed down in the Gulf of America, gathering data for the next generation booster pic.twitter.com/o72ciKBZYm
— SpaceX (@SpaceX) October 13, 2025
सुपर हेवी के दुर्घटनाग्रस्त होने के दौरान, स्टारशिप उड़ान भरता रहा. इसने 8 फेक स्टारलिंक सैटेलाइट छोड़े और अंतरिक्ष में एक मुश्किल इंजन रीस्टार्ट की भी टेस्टिंग की. इसके बाद स्टारशिप वापस धरती पर आ गिरा और प्लान के अनुसार हिंद महासागर में गिर गया.
स्पेसएक्स ने नए गाइडेंस सिस्टम की भी टेस्टिंग की. साथ ही यह भी देखा कि गर्मी जहाज के शरीर पर कैसे असर डालती है. इसके लिए उसने जानबूझकर उसकी कुछ हीट-रेस्सिटेंट टाइलें हटा दीं. ये टेस्टिंग स्टारशिप को अंतरिक्ष से लौटने पर वास्तविक मिशनों में टिके रहने में मदद करेंगे.