Second Hand Smartphone Tips: भारत में सेकेंड-हैंड मोबाइल फोन का मार्केट तेजी से बढ़ रहा है. कई लोग नए फोनों के मुकाबले पुराने फोन्स खरीद रहे हैं जिससे उन्हें कम कीमत में अच्छा फोन भी मिल जाता है. देखा जाए तो सेकेंड-हैंड बाजार में ज्यादा किफायती है. हालांकि, कुछ खरीदार रीफर्बिश्ड फोन्स की क्वालिटी और वैधता को लेकर चिंतित रहते हैं. ऐसे में इन फोन्स को खरीदने से पहले आपको कुछ बातों का ख्याल रखना होगा.
अगर आपने इन बातों का ख्याल नहीं रखा तो आपको भारी नुकसान हो सकता है. चलिए जानते हैं कुछ ऐसे ही टिप्स जो आपको सेकेंड हैंड फोन लेते समय ध्यान रखने चाहिए.
कहां से खरीदें रीफर्बिश्ड फोन:
असली रीफर्बिश्ड फोन आमतौर पर अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे विश्वसनीय ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बेचे जाते हैं. ये फोन सैंपल मॉडल या रिपेयर किए गए रिटर्न किए गए फोन हो सकते हैं. ये प्लेटफॉर्म क्वालिटी की गारंटी देते हैं. कई लोग अभी भी ऑफलाइन बाजारों से सेकेंड-हैंड फोन खरीदना पसंद करते हैं. अगर आप किसी फिजिकल स्टोर से खरीद रहे हैं, तो स्कैम से बचने के लिए सोर्स की पुष्टि जरूर करें.
IMEI के जरिए स्टेटस चेक:
सरकार ने IMEI के जरिए इस काम को आसान बना दिया है. इससे पता चलता है कि फोन चोरी का तो नहीं है. IMEI हर मोबाइल फोन को दिया जाने वाला एक 15 डिजिट नंबर होता है. इससे फोन की स्थिति पता चलती है. सबसे पहले, आपको IMEI नंबर चाहिए.
अगर आपके पास फोन का बॉक्स है, तो आप उसे वहां पा सकते हैं. अगर नहीं है, तो बस फोन पर *#06# डायल करें, और IMEI नंबर स्क्रीन पर दिखाई देगा. IMEI नंबर प्राप्त होने के बाद, अपने फोन के मैसेजिंग ऐप पर जाएं.
"KYM" टाइप करें, उसके बाद एक स्पेस दें और फिर 15 नंबरों का IMEI नंबर लिखें. उदाहरण के लिए: "KYM 123456789012345".
यह मैसेज 14422 पर भेजें.
मैसेज भेजने के बाद, आपको सरकार की ओर से एक जवाब मिलेा. इसमें बताया जाएगा कि यह फोन चोरी का है या नहीं.
अगर मैसेज में ब्लैकलिस्टेड लिखा है, तो इसका मतलब है कि फोन चोरी हो गया है. इसे खरीदने पर आपको कानूनी परेशानी हो सकती है. इसलिए, फोन खरीदने से पहले हमेशा उसकी जांच करना बहुत महत्वपूर्ण है.