Chamoli Disaster: उत्तराखंड के चमोली जिले में आई बाढ़ और भूस्खलन ने कई परिवारों को उजाड़ दिया. नंदानगर के कुंतरी लगा फाली गांव में बुधवार को आई आपदा में एक दिल दहला देने वाला दृश्य सामने आया. यहां मलबे से निकाले गए तीन शवों ने पूरे गांव को गमगीन कर दिया. 38 वर्षीय कांता देवी और उनके दस वर्षीय जुड़वां बेटे विकाश और विशाल की मौत हो गई. जब रेस्क्यू टीम ने तीनों के शव निकाले तो बच्चे मां की छाती से लिपटे हुए थे. यह दृश्य देखकर मौके पर मौजूद हर शख्स की आंखें भर आईं.
आपदा के वक्त कांता देवी अपने पति कुंवर सिंह और जुड़वां बच्चों के साथ घर पर थीं. अचानक आई बाढ़ ने घर को मलबे में दबा दिया. रेस्क्यू टीम ने 16 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद 42 वर्षीय कुंवर सिंह को जीवित निकाल लिया, लेकिन उनकी पत्नी और बच्चों को बचाया नहीं जा सका. दोनों बच्चे कक्षा 4 में पढ़ते थे और अपने पिता के सपनों का सहारा थे.
रेस्क्यू टीम के अधिकारियों ने बताया कि कुंतरी लगा फाली गांव से कांता देवी और उनके दोनों बेटों के अलावा 65 वर्षीय देवेश्वरी देवी का शव भी मिला है. इस तरह इलाके में मृतकों की संख्या सात हो गई है. अधिकारियों ने कहा कि गुरुवार को भी दो शव बरामद हुए थे. इस घटना ने यह साफ कर दिया कि प्राकृतिक आपदाओं के सामने इंसान कितना असहाय हो जाता है.
भारी बारिश और भूस्खलन से चमोली के कई गांव प्रभावित हुए हैं. नंदानगर क्षेत्र पहले से ही भू-धंसाव से जूझ रहा था और अब बाढ़ व मलबे ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है. प्रशासन द्वारा लगातार राहत और बचाव कार्य जारी है. गांव के लोग इस त्रासदी से सदमे में हैं. जुड़वां बच्चों और मां का शव जिस स्थिति में मिला, उसने हर किसी को झकझोर दिया. इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में गम का माहौल छाया हुआ है.