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Dussehra 2025: रुद्रपुर में 'रावण दहन' से पहले लेटे लंकेश, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले, वीडियो में देखें पूरा मंजर

उत्तराखंड के रुद्रपुर में दशहरा कार्यक्रम से ठीक पहले बड़ा हादसा होते-होते टल गया. गांधी पार्क में खड़े रावण, कुंभकरण और मेघनाद के विशाल पुतले तेज हवा और बारिश के कारण अचानक गिर पड़े.

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Edited By: Kuldeep Sharma
Dussehra
Courtesy: SOCIAL MEDIA

Dussehra 2025: दशहरे के पर्व पर जहां देशभर में बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने की तैयारियां जोरों पर हैं, वहीं रुद्रपुर (उधम सिंह नगर) से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. यहां दहन से पहले ही रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले धड़ाम से गिर पड़े.

इस घटना से लोगों में अफरा-तफरी मच गई, हालांकि किसी के घायल न होने से राहत की सांस ली गई. अब आयोजक समिति शाम तक पुतला दहन सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है.

अचानक गिर पड़े पुतले

रुद्रपुर के गांधी पार्क में दशहरा उत्सव के लिए रावण (65 फीट), कुंभकरण और मेघनाद (60-60 फीट) के विशाल पुतले बनाए गए थे. आयोजक और दर्शक शाम को दहन का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. लेकिन दोपहर में अचानक मौसम ने करवट ली और तेज हवा के साथ बारिश ने स्थिति बिगाड़ दी. हवा के जोर से तीनों पुतले संतुलन खो बैठे और जोरदार आवाज के साथ जमीन पर गिर पड़े. इस नजारे को देखते ही लोग हैरान रह गए और कुछ पल के लिए माहौल में अफरा-तफरी फैल गई.

क्षतिग्रस्त हुए पुतले

पुतले गिरने के बाद उनके हिस्से टूट गए, कहीं हाथ टूट गया तो कहीं सिर और पैर. हालांकि, अच्छी बात यह रही कि गिरते वक्त पुतलों के पास कोई मौजूद नहीं था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था. मौके पर मौजूद लोग राहत महसूस करते दिखे. आयोजकों के मुताबिक पुतलों में लाखों रुपए और महीनों की मेहनत लगी थी, लेकिन मौसम की मार ने सारी तैयारियों पर पानी फेर दिया.

तीन महीने की मेहनत और डेढ़ लाख का खर्च

हर साल रामपुर से एक टीम रुद्रपुर आती है और गांधी मैदान में पुतले तैयार करती है. इस बार भी टीम ने करीब तीन महीने तक मेहनत कर 65 फीट का रावण और 60 फीट ऊंचे मेघनाद व कुंभकरण के पुतले तैयार किए थे. आयोजकों ने बताया कि एक पुतला बनाने में ही लाखों रुपए खर्च हो जाते हैं. इस बार कुल खर्च लगभग डेढ़ लाख रुपए तक पहुंचा. ऐसे में पुतलों का क्षतिग्रस्त होना आयोजकों के लिए बड़ा झटका है.

वैकल्पिक व्यवस्था में जुटे आयोजक

हालांकि पुतले गिरने के बाद भी आयोजन समिति ने साफ किया है कि दर्शकों को निराश नहीं किया जाएगा. आयोजन समिति के सदस्य हरीश अरोड़ा ने कहा, 'अचानक मौसम के बदलने से पुतले क्षतिग्रस्त हुए हैं, लेकिन शाम को रावण दहन जरूर होगा. कमेटी की बैठक चल रही है और वैकल्पिक इंतजाम किए जा रहे हैं.' यानी आज शाम रुद्रपुर के लोग फिर भी दशहरा का उल्लास महसूस कर पाएंगे और रावण दहन के प्रतीकात्मक कार्यक्रम का आनंद उठा सकेंगे.