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उत्तराखंड विधानसभा में विपक्ष का हंगामा, नेताओं ने रात में डाल दिया डेरा

उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र की शुरुआत 19 अगस्त 2025 को भराड़ीसैंण में हुई. सत्र के पहले दिन विपक्षी विधायकों, खासकर कांग्रेस के सदस्यों ने कानून व्यवस्था और प्रशासनिक मुद्दों को लेकर तीखा विरोध जताया. जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी विधायक वेल में पहुंच गए और नारेबाजी शुरू कर दी.

Gyanendra Sharma
Uttarakhand assembly
Courtesy: Social Media

उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र के पहले दिन ही हंगामेदार रहा. सत्र की शुरुआत में ही विपक्षी विधायकों ने कानून व्यवस्था, नैनीताल के डीएम के ट्रांसफर, एसएसपी के निलंबन और नेता प्रतिपक्ष समेत अन्य नेताओं पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया. विपक्षी विधायकों ने सचिव की टेबल तक पटक दी और माइक तोड़ दिए, जिससे कई सदस्यों, यहां तक कि मुख्यमंत्री के माइक भी खराब हो गए.

उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र की शुरुआत 19 अगस्त 2025 को भराड़ीसैंण में हुई. सत्र के पहले दिन विपक्षी विधायकों, खासकर कांग्रेस के सदस्यों ने कानून व्यवस्था और प्रशासनिक मुद्दों को लेकर तीखा विरोध जताया. जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी विधायक वेल में पहुंच गए और नारेबाजी शुरू कर दी. स्थिति तब और बिगड़ गई जब एक विधायक ने सचिव की टेबल पटक दी और माइक तोड़ दिया. इस घटना से कई सदस्यों और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के माइक खराब हो गए. विपक्ष के विधायक रात भर सदन में डटे रहे. स्पीकर से लेकर मुख्यमंत्री ने विपक्ष के विधायकों से बात की. वहीं विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा हुआ है.

विपक्षी विधायकों का हंगामा

विपक्षी विधायकों ने रात भर सदन में डटकर विरोध प्रदर्शन किया. विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ने विपक्षी नेताओं से बातचीत की कोशिश की, लेकिन विपक्ष अपनी मांगों पर अड़ा रहा. विपक्ष ने सूबे की कानून व्यवस्था पर तत्काल चर्चा की मांग की, साथ ही नैनीताल के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) के ट्रांसफर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) के निलंबन और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य समेत अन्य नेताओं पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग उठाई.

दूसरी ओर, सरकार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह सदन में सभी मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा के लिए तैयार है. मुख्यमंत्री धामी ने विपक्ष से संसदीय मर्यादा का पालन करने और रचनात्मक चर्चा में भाग लेने की अपील की. विधानसभा अध्यक्ष ने भी विपक्षी विधायकों से शांति बनाए रखने और अपनी बात व्यवस्थित ढंग से रखने का अनुरोध किया, लेकिन विपक्ष की नारेबाजी और हंगामे ने कार्यवाही को बार-बार बाधित किया.