Dharali Harshil disaster: मौसम विभाग (IMD) ने उत्तराखंड के कई जिलों के लिए 10 से 14 अगस्त तक भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. इस दौरान बागेश्वर, देहरादून, टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, नैनीताल, उधम सिंह नगर और चंपावत जिलों में गरज के साथ तेज बारिश की संभावना है. मौसम विभाग ने ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी कर नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है.
बता दें ऑरेंज अलर्ट बेहद खराब मौसम की स्थिति को दर्शाता है, जिसके चलते सड़क और रेल सेवाएं बाधित हो सकती हैं. बिजली आपूर्ति में बाधा और यातायात में रुकावट की आशंका भी बनी रहती है. वहीं, येलो अलर्ट कई दिनों तक खराब मौसम की चेतावनी देता है, जो दैनिक गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है. मौसम विभाग के मुताबिक, इन जिलों में भारी बारिश के साथ बिजली गिरने की भी संभावना है, जिससे लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है.
Uttarakhand: IMD issues orange, yellow alerts for several districts till August 14
— ANI Digital (@ani_digital) August 10, 2025
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उत्तरकाशी में राहत और बचाव कार्य तेज
उत्तरकाशी के धराली और हर्षिल इलाकों में हाल ही में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं के बाद जिला प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है. रविवार सुबह 11 बजे तक मातली हेलीपैड से 20 लोगों को सुरक्षित निकाला गया और इलाज के बाद उन्हें उनके रवाना किया गया. प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित की है. प्रत्येक प्रभावित परिवार तक राहत सामग्री पहुंचाने का कार्य तेजी से चल रहा है.
क्या बोले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को ANI से बातचीत में बताया, "1000 से अधिक लोगों को बचाया गया है. देश भर के सभी श्रद्धालु और तीर्थयात्री, जो वहां फंस गए थे, उन्हें बचा लिया गया है... सभी घायलों को अस्पतालों में ट्रांसफर कर दिया गया है. हर्षिल में संपर्क पूरी तरह से ख़त्म हो गया था. इसे कल वहां बहाल कर दिया गया. लाची गाड के पास शाम तक एक बेली ब्रिज स्थापित किया जाएगा, जो हर्षिल तक सड़कों के पुनर्निर्माण में मदद करेगा."
स्वास्थ्य सेवाओं की तैनाती
उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने बताया कि धराली में डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं. आपात स्थिति से निपटने के लिए क्षेत्र में 28 एम्बुलेंस तैनात की गई हैं. यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्रभावित लोगों को तत्काल चिकित्सा सहायता मिले.