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Harak Singh Rawat ED case: “मैं 420 नहीं, ED 420 है” - हरक सिंह रावत ने ED पर लगाए गंभीर आरोप

Harak Singh Rawat ED case: पूर्व उत्तराखंड मंत्री हरक सिंह रावत ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED द्वारा दाखिल चार्जशीट को "फर्जी कार्रवाई" बताया है. उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए जांच एजेंसी पर ही धोखाधड़ी का आरोप लगाया. रावत ने कानूनी और सड़कों पर लड़ाई लड़ने की बात कही है. मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है.

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Edited By: Km Jaya
Harak Singh Rawat
Courtesy: Social Media

Harak Singh Rawat ED case: उत्तराखंड के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत एक बार फिर सुर्खियों में हैं. प्रवर्तन निदेशालय यानी ED द्वारा उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्जशीट दायर किए जाने के बाद उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. रावत ने कहा कि यह एक "फर्जी कार्रवाई" है और ईडी ही असली “420” है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देहरादून में मीडिया से बातचीत के दौरान हरक सिंह रावत ने कहा, “यह एक झूठी कार्रवाई है. मैं 420 नहीं हूं. ईडी के अधिकारी ही 420 हैं. यह एजेंसी, जो देश में भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए बनाई गई थी, आज खुद एक धोखाधड़ी में सामने आई है. मैं नहीं कह रहा, मेरे दस्तावेज कह रहे हैं.”

तीन अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र 

ED ने हरक सिंह रावत, उनकी पत्नी, और तीन अन्य लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपपत्र दाखिल किया है. एजेंसी का दावा है कि रावत और उनके सहयोगियों ने अवैध तरीके से धन अर्जित किया और उसे वैध दिखाने के लिए जालसाजी के तरीकों का सहारा लिया.

रावत ने आरोप को किया सिरे से खारिज

रावत ने इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उनके पास सारे वैध दस्तावेज हैं, जो उनकी बेगुनाही साबित करते हैं. उन्होंने चुनौती दी कि अगर वे निर्दोष साबित हुए, तो क्या ईडी के अधिकारियों पर भी धोखाधड़ी का मुकदमा चलेगा?

परिवार को बनाया निशाना 

उन्होंने आगे कहा, “मैं सड़कों पर भी लड़ूंगा और अदालत में भी. अब यह सिर्फ एक कानूनी लड़ाई नहीं, बल्कि मेरी प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुकी है.” हरक सिंह रावत ने सरकार और जांच एजेंसियों पर राजनीतिक द्वेष के चलते कार्रवाई करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से उन्हें और उनके परिवार को निशाना बनाया जा रहा है, वह राजनीति से प्रेरित है.

राजनीति में हलचल तेजी

गौरतलब है कि हरक सिंह रावत उत्तराखंड की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय हैं और कई बार मंत्री पद संभाल चुके हैं. वे कभी भाजपा में भी रहे, लेकिन बाद में कांग्रेस में लौट आए थे. ED की कार्रवाई के बाद राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. कांग्रेस ने भी इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है और कहा है कि रावत के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं.