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गोवा नाइट क्लब में लगी आग ने उजड़ा कई परिवार, उत्तराखंड के 5 सपने राख, दिल्ली के 4 पर्यटकों की भी मौत

गोवा के नाइट क्लब में लगी भीषण आग ने 25 लोगों की जान ले ली. इसमें उत्तराखंड के पांच युवा और दिल्ली के चार पर्यटक शामिल थे. यह हादसा सिर्फ त्रासदी नहीं, बल्कि बेरोजगारी, मजबूरन पलायन और सुरक्षा नियमों की अनदेखी की कड़वी सच्चाई को उजागर करता है.

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Princy Sharma

उत्तराखंड: गोवा के एक मशहूर नाइट क्लब में लगी भीषण आग ने 25 लोगों की जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी. इस हादसे में उत्तराखंड के पांच मेहनतकश युवा, जो अपने परिवार का पेट पालने के लिए घर से दूर काम कर रहे थे, जान से हाथ धो बैठे. साथ ही दिल्ली से घूमने आए चार पर्यटक भी इस आग की भेंट चढ़ गए. यह घटना सिर्फ एक दर्दनाक हादसा नहीं, बल्कि उत्तराखंड में बढ़ती बेरोजगारी, मजबूरन पलायन और सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलने वाली कड़वी हकीकत है.

उत्तराखंड के पौड़ी, टिहरी, पिथौरागढ़, लोहाघाट और द्वाराहाट के रहने वाले ये पांच युवक गोवा के नाइट क्लब में काम कर रहे थे. बेहतर जिंदगी और परिवार को सहारा देने के सपने लिए वे घर से निकले, लेकिन किस्मत ने उन्हें घर वापस लौटने तक का मौका नहीं दिया.

जितेंद्र सिंह

24 वर्षीय जितेंद्र सिंह टिहरी जिले के देवप्रयाग ब्लॉक के संकूल्ड गांव से थे. परिवार की आर्थिक जिम्मेदारियां उठाने के लिए पहले दिल्ली गए और फिर गोवा में नौकरी करने लगे. लेकिन जिस नौकरी ने उम्मीद दी थी, उसी ने उनकी जिंदगी खत्म कर दी.

सुमित नेगी 

29 वर्षीय सुमित नेगी दो महीने पहले ही गोवा गए थे. वे एक कुशल शेफ थे और 18 जनवरी को अपनी शादी की दूसरी सालगिरह मनाने घर लौटने वाले थे. पीछे 8 महीने की बेटी और पत्नी का बिखरता हुआ संसार छोड़ गए.

मनीष 

22 वर्षीय मनीष ने पढ़ाई छोड़कर परिवार की मदद के लिए नौकरी करना शुरू किया था. हैदराबाद और बेंगलुरु में काम करने के बाद बेहतर आय की तलाश में गोवा पहुंचे. शादी और मां के सपने उनकी मौत के साथ ही खत्म हो गए.

सुरेंद्र सिंह 

पिथौरागढ़ के सुरेंद्र सिंह हादसे से दो दिन पहले ही गोवा पहुंचे थे. लंबे समय से होटल सेक्टर में काम कर रहे थे और एक बार फिर जर्मनी जाने की तैयारी में थे. वहीं लौटने के सपने थे, लेकिन आग ने सब कुछ जला डाला.

सतीश राणा 

24 वर्षीय सतीश राणा कई सालों से गोवा में काम कर रहे थे. घर के अकेले कमाने वाले थे. माता-पिता और छोटे भाई की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर थी. उनकी मौत ने पूरे परिवार को बेसहारा कर दिया. वहीं, गोवा घूमने निकले दिल्ली के चार पर्यटक भी इस आग में फंस गए. उनके परिवारों की खुशियों पर पल भर में मातम छा गया.