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India Daily

14 साल में देहरादून के 28 गांवों में बढ़ी मुस्लिम आबादी, फर्जी दस्तावेज और परिवार रजिस्टर में गड़बड़ी का दावा

Dehradun News: उत्तराखंड के देहरादून के विकासनगर क्षेत्र में जनसंख्या संतुलन को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. पछुवा दून के 28 गांवों में अब मुस्लिम आबादी हिंदुओं से अधिक हो गई है. जांच में सामने आया कि कुछ मुस्लिम ग्राम प्रधानों ने रिश्तेदारों के नाम फर्जी तरीके से परिवार रजिस्टर में जुड़वाए.

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Edited By: Princy Sharma
Muslim Population in Dehradun
Courtesy: Pinterest

Muslim Population in Dehradun: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. यहां के विकासनगर क्षेत्र, जिसे पछुवा दून भी कहा जाता है में 28 गांव ऐसे पाए गए हैं, जहां अब मुस्लिम आबादी हिंदू आबादी से ज्यादा हो गई है. जबकि कुछ साल पहले तक ये गांव हिंदू बहुल थे.

राज्य में लगातार जनसंख्या असंतुलन को लेकर खबरें आ रही हैं. इसी बीच जब अधिकारियों ने परिवार रजिस्टरों की जांच की, तो चौंकाने वाली गड़बड़ियां सामने आईं. जांच में पाया गया कि कुछ मुस्लिम ग्राम प्रधानों ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए एक सुनियोजित साजिश के तहत अपने रिश्तेदारों के नाम गांव के परिवार रजिस्टर में शामिल करवा दिए.

कैसे हुआ खुलासा? 

ऐसे मामलों में देखा गया कि लड़कियों की शादी के बाद भी उनके नाम रजिस्टर में बने रहे, जबकि नियम के मुताबिक शादी के बाद नाम काटा जाना चाहिए था. इतना ही नहीं, उनके पतियों और बच्चों के नाम भी जोड़ दिए गए, जो कि पूरी तरह से गलत है. ये लोग अब सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठा रहे हैं, जैसे वोटर लिस्ट में नाम, आधार कार्ड, राशन कार्ड आदि बनवा लिए गए हैं. केवल विकासनगर ही नहीं, राज्य के अन्य हिस्सों में भी मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ने के मामले सामने आ रहे हैं.

CM धामी ने क्या कहा?

पिछले कुछ महीनों में फर्जी प्रमाणपत्र बनवाने और बाहरी लोगों के नाम दर्ज करवाने के कई मामले सामने आए हैं. अगस्त में एक कॉमन सर्विस सेंटर में फर्जी दस्तावेजों के जरिए बड़े पैमाने पर अवैध नामांकन हुआ, जिससे पंचायत चुनाव में वोट बैंक बढ़ाने की कोशिश की गई, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी साफ कहा है कि उत्तराखंड में अवैध मदरसे नहीं चलने दिए जाएंगे और अगर कोई मदरसा सरकारी बोर्ड के मानकों के अनुसार नहीं चलता है तो उसे बंद कर दिया जाएगा.

क्या कहते हैं आंकड़े?

गांवों के आंकड़ों से यह खुलासा होता है कि 2011 से लेकर वर्तमान समय तक कई गांवों में हिंदू और मुस्लिम आबादी के अनुपात में काफी बदलाव आए हैं. उदाहरण के लिए, ढकरानी में हिंदू आबादी 2011 में 60% थी, जो अब घटकर 40% रह गई है, जबकि मुस्लिम आबादी 40% से बढ़कर 60% हो गई है.

इसी प्रकार ढलीपुर में हिंदू आबादी 75% से घटकर 50% और मुस्लिम आबादी 25% से बढ़कर 50% हो गई है. कुंजा में भी हिंदू 65% से 50% और मुस्लिम 35% से 50% हो गए हैं. कुंजाग्रांट में हिंदू आबादी 30% से घटकर 23% और मुस्लिम 70% से बढ़कर 77% हुई है, जबकि कुल्हाल में यह क्रम क्रमशः 20% से 15% और 80% से 85% हो गया है.

अम्य गांव के आंकड़े

धर्मावाला में हिंदू 70% से घटकर 50% और मुस्लिम 30% से बढ़कर 50% हो गया है. तिमली में सबसे अधिक परिवर्तन हुआ है, जहां हिंदू आबादी 25% से गिरकर मात्र 5% रह गई है और मुस्लिम 75% से बढ़कर 95% हो गई है. बैरागी वाला में भी 2011 के 60% हिंदू घटकर 50% और मुस्लिम 40% बढ़कर 50% हो गए हैं. जमनीपुर में हिंदू आबादी 80% से घटकर 70% और मुस्लिम 20% से बढ़कर 30% हुई है. केदारावाला में हिंदू 55% से घटकर 30% और मुस्लिम 45% से बढ़कर 70% हो गई है. बुलाकी वाला में हिंदू आबादी 88% से घटकर 75% और मुस्लिम 11% से बढ़कर 25% हो गई है. मेहूवाला खालसा में भी हिंदू 75% से घटकर 55% और मुस्लिम 25% से बढ़कर 
45% हो गए हैं।