Nainital abduction: उत्तराखंड के पहाड़ी शहर नैनीताल में शुक्रवार को उस समय आतंक फैल गया जब जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के दौरान, कथित तौर पर कांग्रेस समर्थित पांच निर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों को एक मतदान केंद्र के बाहर से दिनदहाड़े अगवा कर लिया गया. यह मतदान केंद्र उच्च न्यायालय से महज एक किलोमीटर दूर था.
यह अपहरण मॉल रोड पर सार्वजनिक रूप से हुआ, जिससे आक्रोश फैल गया और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े हो गए. कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के अनुसार, भाजपा कार्यकर्ता "सदस्यों का जबरन अपहरण करके चुनाव को प्रभावित कर रहे हैं".
उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया, जिसने मामले पर तत्काल सुनवाई की. मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए सख्त आदेश जारी किए और निर्देश दिया कि सभी दस उम्मीदवारों को सुरक्षा के बीच मतदान केंद्र तक पहुंचाया जाए. अदालत ने जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा करने और अपहृत सदस्यों को शाम 4:30 बजे तक अदालत में पेश करने का भी निर्देश दिया.
याचिकाकर्ता ने अपहरण के दो वीडियो पेश किए
हालांकि, सदस्यों को पेश नहीं किया गया. याचिकाकर्ता ने अपहरण के दो वीडियो पेश किए एक में एक सदस्य को घसीटते हुए ले जाया जा रहा है जबकि एक हथियारबंद पुलिसकर्मी नज़रें फेरे हुए है, और दूसरे में तीन अन्य को ज़बरदस्ती ले जाते हुए दिखाया गया है. अपहृत सदस्यों के परिवारों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनकी शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया.
इस राज्य में यह सब क्या हो रहा है?
मुख्य न्यायाधीश ने स्पष्ट रूप से नाराज होकर टिप्पणी की, इस राज्य में यह सब क्या हो रहा है? हमें गंभीर संदेह है कि पुलिस कुछ तत्वों के साथ मिलीभगत कर रही है और एसएसपी भी इसमें शामिल हैं." अदालत ने जिला एवं पुलिस प्रशासन को इस घटना के लिए "व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार" ठहराया.